कोरोना बिग ब्रेकिंग - अमेरिका में कोरोना वायरस का पहला वैक्सीन इंजेक्शन का हुआ परीक्षण, कोरोना के कहर से अब बचा जा सकेगा।

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया कप हिला कर रख दिया,दुनिया के बड़े से बड़े देश मे कोरोना का कहर जारी है ,लेकिन अमेरिका में शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के वैक्सीन का पहला परीक्षण सफलता के साथ कर लिया है,ये बहुत बड़ी जीत होगी अगर सब कुछ ठीक रहा तो।अमेरिका के सिएटल में एक महिला को पहली बार कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन लगाया ,कोविड 19 का पहला वैक्सीन अब दुनिया के रिकॉर्डों में दर्ज हो गया है,क्योंकि जब पूरी दुनिया कोरोना की महामारी से लड़ रही है तो ऐसे रिकॉर्ड टाइम में अमेरिका के सिएटल में रिसर्च इंस्टीट्यूट में बना ये वैक्सीन कोरोना को जड़ से खत्म कर पूरी दुनिया मे फैल रही इस महामारी को रोक सकेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वैक्सीन को बनाने वाले डॉक्टरों की खूब तारीफ की है।वाशिंगटन की एक डॉक्टर लीजा जैक्सन ने परीक्षण से पहले कहा कि हम टीम कोरोना वायरस हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कामयाबी के लिए अपने देश के डॉक्टरों की तारीफ की है,उन्होंने कहा है कि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा चुका है, यब दुनियाभर में अबतक सबसे जल्दी विकसित किया गया टीका है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बीमारी के खिलाफ एंटी वायरल और दूसरे थेरेपी भी विकसित करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है।



जानकारी के मुताबिक कोविड-19 का पहला टीका जेनिफर हैलर नाम की एक महिला को दिया गया, जो कि एक टेक कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर है। 43 साल की इस महिला ने कहा, "हम सभी असहाय महूसस कर रहे थे, ये कुछ करने के लिए मेरे पास शानदार मौका है। सूई लेने के बाद दो बच्चों की मां जेनिफर ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं शानदार महसूस कर रही हूं।


सिएटल की रहने वाली दो बच्चों की मां, 43 वर्षीय जेनिफर हैलर पहली इंसान हैं,कोरोना वैक्सीन का टीका दिया गया। सोशल मीडिया पर लोग उनके इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस संक्रमण ने अब तक 7000 से अधिक लोगों की जान ले ली है। इससे अब तक दो लाख के आसपास लोग संक्रमित हो चुके हैं।लैब में खुद पर परीक्षण के लिए चार लोगों ने मंजूरी दी। इनमें पहली हैं जेनिफर हैलर। वह एक टेक कंपनी में काम करती हैं। उनके अलावा तीन और लोग पर इस वैक्सीन का उपयोग किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, एक माह के अंदर कुल 45 लोगों पर इस वैक्सीन का टेस्ट किया जाएगा।जेनिफर के अनुसार इस मोड़ पर हम साहस दिखाकर इस बीमारी से लड़ना चाहते हैं। इस वैक्सीन को बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडेर्ना ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ के सहयोग से तैयार किया है। आमतौर इस तरह की वैक्सीन का परीक्षण जानवरों पर किया जाता है। मगर इस बार सीधे मानव शरीर को दिया गया। अगर परीक्षण कामयाब होता है तो ये वैक्सीन 18 माह में बाजार में आ जाएगी।


इस महिला के अलावा तीन और लोगों को टीका दिया जाएगा। अब वैज्ञानिक इस वैक्सीन के असर का अध्ययन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के सामने अब ये साबित करने की चुनौती है कि ये टीका सुरक्षित है और सफलतापूर्वक संक्रमण को रोक पाता है,अगर ये परीक्षण सफल भी हो जाता है तो भी बाजार में वैक्सीन को आने में 12 से 18 महीने लगेंगे, क्योंकि इस टीके का असर समझने में कई महीने लग सकते हैं। इस परीक्षण के लिए 18 से 55 साल के 45 स्वस्थ लोगों का चयन किया गया है। इन पर 6 हफ्ते तक टीके के असर का अध्ययन किया जाएगा। इंस्टीट्यूट ने 45 लोगों का चयन परीक्षण के लिए किया है।