कॉर्बेट के नाम का प्रयोग करके चल रही है फर्जी बेवसाइट, पार्क प्रशासन ने फर्जी बेवसाइट को बंद करने की कार्यवाही की शुरू ।

रामनगर - कार्बेट टाइगर रिजर्व में सफारी और ठहरने के मामले में वीआईपी राज को खत्म करने के बाद रिजर्व प्रशासन का ध्यान उन वेबसाइट की ओर गया है, जो कार्बेट के नाम का प्रयोग कर फर्जी तरीके से चल रही है | विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सफारी परमिट और वन विश्राम गृह में ठहरने के लिए बुकिंग के नाम पर तमाम फर्जी वेबसाइट रिजर्व प्रशासन को भारी चुना लगा रही है। रिजर्व प्रशासन ने इन पर अंकुश लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, अब तक चिन्हित की गई ऐसी 15 वेबसाइट को तुरंत बंद करने के नोटिस जारी किए गए हैं | रिजर्व के निदेशक संजीव चतुर्वेदी के अनुसार जांच पड़ताल कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं | उन्होंने कहा कि कुछ वेबसाइट ऐसी भी हैं जिन्होंने अपने मुख्यालय के पते के रूप में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का ही पता दर्ज किया है उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व अपनी खुद की वेबसाइट संचालित करता है इसके जरिए सफारी का परमिट और ठहरने के लिए बुकिंग कराई जाती है निजी वेबसाइट को ऐसा करने का अधिकार नहीं है बावजूद इसके ऐसी तमाम वेबसाइट कार्बेट में यह सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करने के साथ निरंतर चल रही है साथ ही उन्होंने कहा कि फर्जी तौर पर चल रही है वेबसाइट पर्यटकों को भ्रमित कर अवैधानिक रूप से आर्थिक लाभ ले रही हैं ने कहा कि रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट का कॉपीराइट केवल कारपेट टाइगर रिजर्व का है इस कॉपीराइट का उल्लंघन कर यह वेबसाइट और प्रशासन को आर्थिक क्षति पहुंचा रही है जो एक गंभीर अपराध है साथ ही यह धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है रिजर्व के निदेशक के अनुसार अब तक 15 वेबसाइट चिन्हित की गई हैं इन सभी को तुरंत बंद करने के नोटिस दिए गए हैं साथ ही अभी ऐसी वेबसाइट की जांच पड़ताल जारी है सुल्तान की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है यदि संबंधित वेबसाइट संचालकों ने तुरंत बंद नहीं किया रिजर्व प्रशासन कानूनी कार्रवाई अमल में लाएगा ।