केमू की बस पर हाथी का हमला

रामनगर पर्वतीय क्षेत्र को जा रही बस पर हाथी ने  हमला कर  बस में बैठे शिक्षक पर अपनी सूंड से प्रहार कर अधमरा कर दिया। जिसको रामनगर चिकित्सालय लाया गया जहाँ चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया।आज सुबह 5 बजे  के.एम.ओ.यू.की बस संख्या यू.के.04 पी.ए.0429  रामनगर से बागेश्वर के लिए रवाना हुई। लेकिन रास्ते मे ही कालागढ़ वन प्रभाग के मनराल रेंज के कॉर्बेट टाईगर रिजर्व में काट की नाव गाँव के पास सड़क पर एक हाथी ने बस पर  हमला कर दिया। जिस पर बस चालक पूरन चंद्र मौलेखी में बस को भगाने का प्रयास किया। लेकिन गुस्साए हाथी ने बस के आगे के शीशे को तोड़ते हुए बस पर टक्कर मारना शुरू कर दिया। इतना ही नही उस जंगली हाथी ने खाने की तलाश में बस की खिड़की के अंदर  हमला बोलते बस में सवार यात्री गिरीश चंद पाण्डे को अपनी सूड से हमला करके घायल कर दिया। हाथी के हमले से घायल गिरीश को तुरंत प्राइवेट  वाहन द्वारा रामनगर चिकित्सालय लाया गया। जहाँ डयूटी पर तैनात चिकित्सको ने गिरीश को मृत घोषित कर दिया।

मृतक गिरीश चंद्र पांडे पुत्र जगदम्बा पाण्डे निवासी पम्पापुरी रामनगर के निवासी थे। जो कि नेवल गांव के जीआईसी इंटर कालेज सल्ट में संस्कृत के प्रवक्तता थे। और आज पुनः अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए रामनगर से बस से रवाना हुए थे। उधर हिंसक हाथी ने बस के बाहर बस को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। बस में सवार यात्रियों में अफरा तफरी मच गई। बस में सवार दूसरे यात्रियों ने हाथी से दूर भागकर अपनी जान बचाई । सूचना मिलने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए। पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुँच गई । बताते चले कि  इससे पहले भी इसी हाथी ने इसी मार्ग पर तीन वाहनों पर हमला बोलकर क्षतिग्रस्त कर दिया था । उधर शिक्षक गिरीश पांडे की मौत की सूचना मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया। हाथी के हमले की सूचना मिलते ही रामनगर कॉर्बेट के रेंजर राजकुमार, कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत, एसडीओ लच्छीराम भी रामनगर चिकित्सालय पहुँचे। उधर पुलिस ने म्रतक गिरीश के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रामनगर चिकित्सालय पहुँचे वरिष्ठ भाजपा नेता गणेश रावत ने इसकी सूचना  मुख्य वनसंरक्षक और कोर्बेट पार्क के डायरेक्टर को देते हुए बताया कि इस तरह की घटना आये दिन होने से स्थानीय लोगों की जान पर बनी हुई  है। इसके लिये विभाग को जल्द से जल्द उक्त हिंसक हाथी को पकड़ना चाहिए। जिससे स्थानीय लोगों की जान बच सके। और अगर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने जल्दी कोई कार्यवाही नही की तो स्थानीय लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।