केन्द्रीय कृषिमंत्री से मिले कृषि मंत्री सुबोध उनियाल,राज्य की कृषि से जुड़ी समस्याओं से कराया अवगत

उत्तराखंड में मौसम की बेरूखी के साथ ही जंगली जानवरों के आतंक से खेती करना मुश्किल होता जा रहा है, हालात इस कदर खराब हो रहे हैं कि कई बार किसान को अगली फसल के लिए बीज तक उपलब्ध नहीं हो पाता| दिल्ली में कृषि मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर को प्रदेश में खेती के हालातों से अवगत कराया,और राज्य मेें ओलावृष्टि व जंगली जानवरों से होने वाली फसल क्षति को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाा में शामिल करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया|

उन्होंने केन्द्रीय कृषिमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में परंपरागत फसलों के बीज को लेकर दिक्कत है, अभी तक व्यवस्था के अनुसार 10 साल बाद किसी फसल के बीज पर अनुदान नहीं मिलता| उन्होंने सुझाव दिया कि कुछ राज्यों की भांति उत्तराखंड में मडुवा, झंगोरा, रामदाना समेत अन्य परंपरागत फसलों को टीएलसीड के रूप में मान्यता दी जाए| इससे किसानों को न सिर्फ समय पर बीज मुहैया हो सकेंगे, बल्कि आय में बढ़ोतरी भी होगी| कृषि मंत्री के अनुसार खेती के लिहाज से उत्तराखंड की परिस्थितियां एकदम विषम हैं, ऐसे में आवश्यक है कि उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों के लिए अलग से कृषि नीति बनाई जाए|