केदारनाथ में होने लगी घोड़े खच्चर की आवाजाही

मौसम की मार का असर अब फसलों पर भी पड़ने लगा है। जहां गेहूं, सरसों, मटर आदि की खेती नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई है। वहीं जनवरी के महीने में केदारनाथ में गर्मी महसूस की जा रही है। स्थिति यह है कि केदारनाथ में पहली बार जनवरी के महीने में घोड़े-खच्चर आवाजाही कर रहे हैं।
मौसम की मार पड़ने से आम जनता की परेशानियां बढ़ गई हैं। जहां उच्च क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है। वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश का नामोनिशान नहीं हैं। बारिश के कारण कोरी ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि केदारनाथ धाम में दिन के समय काफी गर्मी महसूस की जा रही है। केदारनाथ में तेज चटक धूप खिल रही है। जिससे पुनर्निर्माण कार्यों में भी काफी सहायता मिल रही है। पिछले वर्षों की बात करें तो केदारनाथ में इन दिनों पांच से छह फिट तक बर्फबारी पड़ती रहती थी और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाते थे, लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि केदारनाथ में घोड़े-खच्चर आवाजाही कर रहे हैं। सोनप्रयाग से केदारनाथ घोड़े-खच्चरों में सामाना ढोया जा रहा है। बर्फबारी से सफेद रहने वाली केदारनाथ की चोटियां इन दिनों लाल नजर आ रही हैं।
वहीं निचले क्षेत्रों में सुबह एवं सांय के समय भीषण ठंड का प्रकोप जारी है। हालांकि दिन के समय तापमान बढ़ने से राहत जरूर मिल रही है, लेकिन बारिश न होने से परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। खासकर गेहूं की खेती को भारी नुकसान पहुंच रहा हैं। प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं। कई क्षेत्रों में तो अभी से पानी की किल्लत शुरू हो गई है। आगामी कुछ दिनों में भी यदि यही स्थिति रहती है तो आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।