कुछ साल पहले हुए 2 अक्टूबर रुद्रपुर दंगे का मंजर फिर आया याद ।

वाहन चेकिंग के दौरान बाइक सवार युवक के माथे पर चाबी घोंपने के मामले को पुलिस महकमे ने गंभीरता से लिया, जिसके बाद एसएसपी कुंवर ने सीपीयू दारोगा सहित तीन सीपीयू कर्मियों को निलंबित कर दिया है । सोमवार रात इंदिरा चौक पर बाइक चेकिंग के दौरान हुई झड़प में एक युवक के माथे पर सीपीयू कर्मी द्वारा बाइक की चाबी घोंपने का आरोप पीड़ित युवक के द्वारा लागये गया था जिसके तुरंत बाद रम्पुरा के लोगों ने कोतवाली पर पथराव कर दिया, इस मामले में एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सीपीयू के उप निरीक्षक राम प्रवीन और कांस्टेबल वीरेंद्र चौहान तथा जगदीश जोशी को सस्पेंड कर दिया गया है। 

इसी के साथ एसएसपी द्वारा पता लगाने के निर्देश दिए कि युवक के माथे पर चाबी किसने घोपी थी ?  उधर उत्तराखंड डीजी कानून व्यवस्था ने एसएसपी से मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ।


कोरोना संक्रमण काल में महानगर रुद्रपुर में हुए बवाल की चिंगारी तेजी से सोशल मीडिया में देखते ही देखते फैल गयी जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया में जमकर सीपीयू की कार्रवाई का विरोध करते हुए सीपीयू कर्मीयों पर जमकर आरोप मढ़ना शुरू कर दिया और सीपीयू कर्मियों को महानगर रुद्रपुर से तत्काल हटाने की मांग सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगी । वहीं देर रात ऊधम सिंह नगर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने लोगों से अपील करते हुए कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ना लेने की अपील की उन्होंने आश्वासन दिलाया कि गलत होने पर किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा मगर जनता सब्र रखें और किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ना लें । 

कल हुए वाहन चेकिंग के दौरान वबाल ने कुछ साल पहले हुए दंगे की याद दिला दी । रुद्रपुर दंगे में जब एक समुदाय ने कोतवाली पर हमला किया तो रम्पुरा के लोगों ने मौके पर पहुंचकर न केवल पुलिस को बचाया, बल्कि कोतवाली जलने से भी बचाई थी वहीं सोमवार को जब एक युवक के माथे में चाबी घोप दी गई तो रम्पुरा के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने न केवल एक पुलिस कर्मी की वर्दी फाड़ दी, बल्कि कोतवाली पर पथराव भी कर दिया। इससे चार-पांच पुलिस कर्मी व तीन पत्रकार चोटिल हो गए। पथराव के बाद लोगों में रुद्रपुर दंगे का खौफ जेहन में उतर आया। दो अक्टूबर 2011 में रुद्रपुर में दंगा हुआ था। इसमें तत्कालीन एसडीएम सहित कई लोग घायल हो गए थे और करीब चार-पांच लोगों को गोली भी लगी थी । 

सोमवार को वहीं रम्पुरा के लोग उस समय सीपीयू व पुलिस पर आगबबूला हो गए कि सोमवार रात करीब आठ बजे इंद्रा चौक पर बाइक चेकिग के दौरान नोकझोंक के दौरान सीपीयू कर्मी ने रम्पुरा निवासी युवक दीपक के माथे पर चाबी घोप दी थी। गुस्साए लोगों ने कोतवाली के सामने सड़क पार से ही पथराव किया तो रामपुर-नैनीताल हाईवे से गुजरने वालों में भी तीन-चार लोग चोटिल हो गए। राहगीरों को बचाने के लिए जब पुलिस कर्मी पहुंचे तो चीता पुलिसकर्मी विजय साथ मारपीट की और उसकी वर्दी भी फाड़ दी। यह देख पुलिस अफसर पहुंचे तो भी लोग शांत होने को राजी नही हुए। इसे लेकर लोगों में चर्चा है कि जिस रम्पुरा के लोगों ने कोतवाली को रुद्रपुर दंगे में बचाया था और सोमवार को वहीं रम्पुरा के लोगों ने पथराव किया। लोगों में यह भी चर्चा है कि सीपीयू के साथ लोगों की कई बार झड़प हो चुकी है। सीपीयू को चेकिग के दौरान वाहन चालक से तमीज से पेश से आने का प्रशिक्षण दिया जाता है। मगर सीपीयू ने जिस तरह युवक के माथे पर चाबी घोपी है, इससे सीपीयू का असली चेहरा सामने आ गया। चाबी घोपना संवेदनहीनता को उजागर करता है और सीपीयू पुलिस अफसर की भूमिका में आने की कोशिश कर रही है। सीपीयू को इस तरह के व्यवहार में बदलाव लाना होगा। चेकिग कर कार्रवाई की जा सकती है, मगर किसी के साथ मारपीट नहीं की जा सकती ।

बरहाल रुद्रपुर में सीपीयू का ये कोई नया मामला नही है लगातार ऐसी शिकायते आती रहती है जहां सीपीयू कर्मचारी और अधिकारी आये दिन चेकिंग के नाम पर पब्लिक को मारते और पीटते रहते है । पुलिस प्रशासन को चाहिए कि पब्लिक के साथ सामंजस्य बना कर चला जाये ताकि कानून का भी पालन हो और सबका आदर भी बना रहे ।