काठमांडू तक का सफर साइकिल से पूरा करने पर प्रदीप का हौसला बढ़ा

घूमने का शौक कब जुनून बन गया पता ही नहीं चला। पहली बार काठमांडू तक का सफर साइकिल से पूरा करने पर प्रदीप का हौसला बढ़ा तो आज भारत के कई राज्यों का भ्रमण साइकिल से ही कर डाला। रुद्रपुर के प्राथमिक विद्यालय में पहुंचे प्रदीप राणा का फूल मालाओ से स्वागत किया गया.... मूल रूप से गरुड़ बागेश्वर के रहने वाले किसान किशन राणा के बेटे प्रदीप राणा में बचपन का शौक जुनून बन गया और आज यह जुनून इस कदर हावी है कि वह पूरा विश्व का चक्कर साइकिल से लगाने का दम भर रहे हैं। प्रदीप बताते हैं कि पहली बार 2016 में उन्होंने साइकिल से काठमांडू तक का सफर पूरा किया। इसके बाद हौसला बढ़ा और परिवार को समझाया। इसके बाद उसने 2016 में ही गिनीज बुक आफ रिकार्ड के लिए आवेदन किया। 1 फरवरी में स्वीकृति भी मिल गई। इसके बाद गिनीज बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने का सपना बना लिया। उत्तराखंड से अपने सफर की शुरूआत करने वाले प्रदीप ने देहरादून के बाद उत्तरप्रदेश, बिहार, वेस्ट बंगाल, सिक्किम, अरुणांचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, गोवा राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में साइकिल से चक्कर लगाए। 19 साल की उम्र में उन्होंने साईकिल से 14000 किमी का सफर पार कर लिया। गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में आने के लिए 15222 का रिकार्ड बनाना जरूरी है। इससे पहले महाराष्ट्र के संतोष होली ने यह रिकार्ड बनाया था। प्रदीप के दिल में 20000 किमी का सफर तय कर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज होने का सपना है। इसके साथ ही उनका कहना है की वो लोगो को पर्यावरण को लेकर भी सन्देश देते है।