उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इग्नू से डीएलएड को किया मान्य

 हाईकोर्ट ने इग्नू से डीएलएड मान्य घोषित कर उन शिक्षकों को खासी राहत दी है जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एकल पीठ के द्वारा 1 जून 2018 को दिए गए निर्णय जिसमे इग्नू से डीएलएड किये अभ्यर्थियों पुष्पा बलोदी,दयाल कुमार को सहायक अध्यापक नियुक्ति हेतु योग्य घोषित किया गया था के खिलाफ सरकार द्वारा दाखिल अपील को खारिज करते हुए एकल पीठ द्वारा दिये गए निर्णय को यथावत रखा है।

याचिका कर्ता द्वारा पूर्व में एकलपीठ के समक्ष कहा गया था कि उन्होने 2014 में इग्नू से डीएलएड किया है और जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक द्वारा सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया हेतु जारी विज्ञप्ति दिनांक 21 नवम्बर 2015 के क्रम में आवेदन किया था लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी  (बेसिक)बागेश्वर द्वारा उनका अभ्यर्थन यह आपत्ति लगाते हुए निरस्त कर दिया था कि उनके द्वारा प्रस्तुत इग्नू से डीएलएड मान्य नहीं है। विभाग का निरस्तीकरण का आधार था कि इग्नू से डीएलएड केवल उन अभ्यर्थियों का मान्य होगा जो सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा मित्र के रूप में सेवारत हैं जबकि पुष्पा बलोदी व दयाल कुमार शिक्षा मित्र नही हैं। 

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ में आज मामले में सरकार द्वारा याचिकाकर्ता गरुड़(बागेश्वर) निवासी पुष्पा बलोदी व दयाल कुमार तथा अल्मोड़ा निवासी कमला आर्या के पक्ष में दिए गए निर्णय के ख़िलाफ दायर विशेष अपील को खारिज कर दिया।

निरस्तीकरण के आदेश के खिलाफ फरवरी 2016 को हाई कोर्ट में पुष्पा बलोदी व दयाल कुमार ने याचिका दाखिल की जिसमे याचिका कर्ता द्वारा रिट दाखिल की गई जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि याचिका कर्ताओं द्वारा प्राप्त दो वर्षीय डिप्लोमा डीएलएड, एन सी टी ई द्वारा मान्यता प्राप्त है साथ ही वे टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण भी हैं और उन्हे भी शिक्षा मित्रों की तरह सहायक अध्यापक नियुक्ति हेतु योग्य माना जाये।

उपरोक्त याचिका दिनांक 1 जून 2018 को एकल पीठ द्वारा स्वीकार करते हुए याचिका कर्ता को योग्य घोषित किया गया।जिसमें खुद एन सी टी ई ने भी शपथ पत्र दाखिल कर हाई कोर्ट को अवगत कराया था कि याचिका कर्ताओं द्वारा इग्नू से किया गया डीएलएड मान्यता प्राप्त है।ऐसे ही समान मामले में अल्मोड़ा निवासी ममता आर्य की याचिका में भी उपरोक्त निर्णय को आधार बना कर एकल पीठ ने यही फैसला दिया था।आज सरकार के द्वारा दाखिल तीनों  विशेष अपीलों को खारिज कर एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा।