उत्तराखंड:विभिन्न मदों में ली जाने वाली फीस को ट्यूशन फीस के नाम पर वसूलने के मामले में बाल आयोग ने दिए जांच के निर्देश
उत्तराखंड मुख्य शिक्षा अधिकारी को बाल आयोग ने स्कूल फीस मामले पर एक माह के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने स्कूल फीस मामले में कहा है कि कहा कि अभिभावकों की ओर से आयोग को शिकायत मिली है कि जब शासनादेश हुआ है कि ऑन लाइन पढ़ाने वाले विद्यालय ही ट्यूशन फीस ले सकेंगे तब से हर स्कूल चाहे छोटा हो या बड़ा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को किताबो की फोटोज और यूट्यूब लिंक भेज कर ऑन लाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से फीस मांग रहे हैं।ऐसे में जिनके एक से अधिक बच्चे है उनके सामने समस्या खड़ी हो गयी है कि एक ही मोबाइल से एक ही समय दो बच्चों की पढ़ाई कैसे करवाई जाए,इसके अलावा नेट और डाटा बैंक की भी समस्या आये दिन खड़ी हो जाती है।अभिभावकों का ये भी कहना है कि स्कूल में जो बोर्ड में पढ़ाया जाता है बच्चों को वही ठीक से समझ नही आता तो ऑन लाइन क्या समझेंगे।साथ ही प्राइवेट स्कूलों ने बड़ी चालाकी से शासनादेश का हवाला देकर विभिन्न मदो में ली जाने वाली फीस को ही ट्यूशन फीस बना डाला ताकि अभिभावकों को मजबूरी में वो फीस देनी पड़े ,प्राइवेट स्कूल अब इसे ही ट्यूशन फीस बोलकर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं ,अभिभावकों का ये भी कहना है कि ट्यूशन फीस के तय मानकों के बारे में पूछने पर स्कूल गोलमोल जवाब देता है इसलिए इस समस्या से अभिभावकों को मुक्ति दिलाई जाए।