उत्तराखंड प्रदेश भी एक बार फिर दिखा मोदी मैजिक

सूबे में 2014 आम चुनाव के मुकाबले इस बार प्रचार के साथ मतदान भी कम हुआ है । जिस वजह से जहां राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए कम समय मिला , तो वहीं यहाँ चुनाव भी प्रथम चरण में हुआ । जिसका असर सीधे सीधे मत प्रतिशत पर देखने को मिला। मतदान का प्रतिशत कम होने और मतदाताओं की खामोशी से उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का संघर्ष माना जा रहा है।
नैनीताल - ऊधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र में इस बार कुल 66.39 प्रतिशत मतदान हुआ है , जबकि 2014 में 68.38 प्रतिशत मतदान हुआ था । हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में इस बार 66.24% मतदान मतदाताओं ने अपना मत का प्रयोग किया जबकि 2014 में 71.56 प्रतिशत मतदान हुआ था । टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में 54.38 वोटिंग हुई है जबकि पिछली बार का आंकड़ा 57.39 प्रतिशत था । वही पौड़ी गढ़वाल में 49.89 मतदान हुआ है जबकि पिछली बार आम चुनाव में यहां का 53.82 प्रतिशत था । इसके उलट अल्मोड़ा क्षेत्र में इस बार 2014 की तुलना में वोटिंग ज्यादा हुआ है वहां वर्ष 2014 में 52.37 प्रतिशत मतदान हुआ था , जबकि इस बार यह आंकड़ा 53.38 पहुंचा।
पिछले बार की तरह इस बार भी आम चुनाव में प्रदेश में एक बार फिर मोदी लहर का असर साफ देखने को मिला । लेकिन राज्य की हरिद्वार , टेहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल लोकसभा क्षेत्रों में मतदान का ग्राफ इस बार कम होने से राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और भाजपा दोनों की चिंता जरूर बढ़ गई है । शहरी क्षेत्रों में मोदी लहर साफ देखी गई और राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा । वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के बीच स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे । लेकिन यहां भी मोदी मैजिक चला । बहरहाल प्रदेश में राष्ट्रवाद का मुद्दा तो गर्मजोशी के साथ तो चला लेकिन मतदान प्रतिशत इस बार कम होने से राजनीतिक दलों की चिंताएं अवश्य बढ़ गई हैं। और आने वाला वक्त से परिणाम का सबको बड़ी बेसबरी से इंतजार है ।