उत्तराखंड :आस्था पर कोरोना पड़ा भारी,स्थगित हुई पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा
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इस बार उत्तराखंड में बम बम भोले की गूंज नही सुनाई देगी और न देशभर से आने वाले कैलाश मानसरोवर यात्रियों का दल दिखाई देगा, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से इस वर्ष यात्रा को रोक दिया गया है। आस्था पर कोरोना वायरस का असर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है, खासकर उत्तराखंड में जो न सिर्फ देवभूमि है बल्कि विश्व प्रसिद्ध भी है।कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत नैनीताल से होती है, हर वर्ष 12 जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत होती है, यात्रा के पहले पांच पड़ाव उत्तराखंड में ही पड़ते हैं, कैलाश मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड में सबसे पहले काठगोदाम फिर भीमताल फिर अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ गूंजी नाभि डांग होते हुए चीन तिब्बत बॉर्डर तक पहुंचती है। इस यात्रा के ना होने से इस बार उत्तराखंड में इस यात्रा का संचालन करने वाली संस्था केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम को ही अकेले साढ़े 4 करोड़ से भी अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा तो वहीं भगवान भोलेनाथ के निवास स्थल कैलाश पर्वत के दर्शन की विश्व की सबसे लंबी धार्मिक पैदल यात्रा के रद्द होने से शिव भक्त भी निराश हैं। केएमवीएन की जीएम का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से चलते जून में शुरू होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा इस बार स्थगित कर दी गई है,ऐसे में अब शिव भक्तों को भगवान भोलेनाथ का सहारा है कि वो इस वायरस को खत्म कर सृष्टि में फिर से आस्था और धर्म की जीत का मार्ग सुनिश्चित करेंगे