उत्तरकाशी पौराणिक माघ मेला

देवभूमि देव शक्ति के लिए भी जानी जाती है। ऐसा ही आज उत्तरकाशी पौराणिक माघ मेले में देखने को मिला। जब जिला पंचायत के बुलावे पर यमुनाघाटी के सरनोल गाँव के ग्रामीण पहुँचे। दरअसल सरनोल गाँव का पांडव नृत्य और पांडवो पर अटूट आस्था के लिए भी जाना जाता है। लेकिन उत्तरकाशी में यह भी मान्यता है पांडव की पुण्य आत्मा जब ग्रामीणों की शरीर मे प्रवेश करती है तो ग्रामीण देवशक्ति का भी परिचय देते है। गंगोत्री विधायक और भारी भीड़ के सामने ऐसा क्या हुआ कि सबके रोंगटे खड़े हो गए देखे एक रिपोर्ट---

दअरसल ये नजारा है उत्तरकाशी में चल रहे पौराणिक माघ मेले का। उत्तरकाशी में आजकल उत्तरकाशी 7 दिनों तक चलने वाले पौराणिक माघ मेले की धूम है। उत्तरकाशी की संस्कृति को इस मेले के माध्यम से आप देख सकते है। आज ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जब जिला पंचायत के बुलावे पर यमुनाघाटी के सरनोल गाव के ग्रामीण पहुँचे।पहाड़ की सांस्कृति में पांडवो का जिक्र हर समय मिलता रहता है। सरनोल गाव के ग्रामीणों में भी पांडवो की अटूट आस्था है। मेले में पहुँचे ग्रामीणों ने जब पांडवो का आह्वान किया तो उसके बाद जो कुछ हुआ उसने सबके रोंगटे खड़ा कर दिया। सैकड़ो की संख्या में मेले में पहुँची भीड़ इस नजारे के गवाह बने। ग्रामीणों के पांडवो की आत्मा का आहवान अपने गीतों से करने के बाद ग्रामीण पूरी तरह से पांडवो के रंग में खो गए। पांडव नृत्य के कर्तव के साथ ग्रामीणों ने पहले लोहे की रोड को तेज आग में गर्म किया और फिर पंडाल के अंदर घूमते हुए मंच पर इसे अपनी जीव से स्पर्श करने लगे साथ हाथ से लाल हुई रोड स्पर्श कर पांडव शक्ति का एहसास कराने लगे। इसी बीच पंडाल से भी कुछ लोग बदअवासी में लोहे की रोड की यरफ बढ़ने लगे जिसे पुलिस जवानों ने रोक दिया।इसी कर्तव के दौरान जिला पंचायत ने जब पांडवो के प्रसाद लाये तो पांडव खुशी खुशी उस पर टूट पड़े । वंही इस मौके पर गंगोत्री विधायक से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष जिला पंचायत भी मौजूद थी। जंहा उन्होंने बताया कि देव भूमि में देव शक्ति का एहसास आज भी पल पल जीवांत अवस्था मे होता रहता है।जिसका ये जीता जागता उदाहरण है।

भारी भीड़ के सामने ग्रामीणों ने जिस तरह लोहे की गर्म लाल रोड जीव से ठंडा कर पांडव शक्ति का परिचय दिया। वंही उत्तरकाशी यह मान्यता है कि पांडव की पवित्र आत्मा जब सरनोल गाव ग्रामीणों में प्रवेश करती है तभी ग्रामीण ऐसा कर पाते है। भारी पुलिस बल और जनप्रतिनिधि के बीच ये चलता रहा और सब इस पल के गवाह बने। 7 दिनों तक चलने वाले उत्तरकाशी पौराणिक माघ मेला जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है उत्तरकाशी की संस्कृति की झलक के साथ ग्रामीणों की भीड़ इस मेले में खिंची चली आ रही है। उत्तरकाशी की संस्कृति करीब से देखनी हो तो चले आये उत्तरकाशी के पौराणिक माघ मेले में।