ईको सेंसेटिव जोन का किया ग्रामीणों ने खुल कर किया विरोध, ईको सेंसेटिव जोन ग्रामीणों के लिए है घातक ।

रामनगर - कार्बेट नेशनल पार्क से सटे पांच गांवो को पार्क की सीमा में मिलाने के विरोध में हजारो ग्रामीणो ने नगर में जुलूस-प्रदर्शन के साथ अपना विरोध दर्ज कराया। वन-विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी के साथ टैक्टर-ट्रालियो के माध्यम से जुलूस की शक्ल में रामनगर पहुंचे ग्रामीणो ने दो टूक कहा कि ईको सेंसेटिव जोन किसी भी हालत में मंजूर नहीं होगा। पार्क वार्डन शिवराज चन्द्र की अध्यक्षता में नगर पालिका परिषद के आडिटोरियम हाल में ईको सेंसेटिव जोन के विरोध में आयोजित जनसुनवाई में पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने ईको सेंसेटिव जोन को ग्रामीणो के लिये घातक बताते हुये कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को वन क्षेत्र में जोड़े जाने के कारण इन गांवो का विकास अवरुद्ध होगा। ग्रामीणो को छोटे-छोटे कामो के लिये वन-विभाग की अनुमति लेनी पड़ेगी। ग्रामीण गांव में छोटे-मोटे उद्योग आदि भी नहीं लगा पायेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ेगी। श्री रावत ने सीटीआर प्रशासन पर आरोप लगाते हुये कहा कि विभाग के पास जो भी इन गांवो के पुराने नक्शे हैं, उनमें तमाम तरह की खामियां हैं। विभाग एक ओर तो ग्रामीण क्षेत्रों को ईको सेंसेटिव जोन में शामिल करके गांवो के विकास को ठप्प करना चाहता है वहीं दूसरी ओर कार्बेट पार्क के कोर इलाको में पर्यटन गतिविधियो को बढ़ावा देकर खुद ही पर्यावरण व वन्यजीवो के नुकसान वाले काम कर रहा है। ईको सेंसेटिव जोन विरोधी संघर्ष समिति के सहसंयोजक महेश जोशी ने ईको सेंसेटिव जोन को ग्रामीण विरोधी बताते हुये कहा कि इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा। वन्यजीवो के कारण ग्रामीणो की खेती बुरी तरह से प्रभावित होगी। जिससे इन क्षेत्रो में ग्रामीणो का पलायन बढ़ेगा। उन्होने प्रशासन से ईको सेंसेटिव जोन को रदद करने की मांग करते हुये कहा कि यदि इस प्रस्ताव को रदद नहीं किया गया तो ग्रामीण इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करने के लिये मजबूर होंगे। जनसुनवाई के बाद पार्क वार्डन शिवराज चन्द्र ने बताया कि कार्बेट नेशनल पार्क में पांच गांवो को शामिल करने के लिये आयोजित जनसुनवाई को ग्रामीणो ने विरोध करते हुये इसके विरोध में अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। जिसमें सावल्दे पूर्वी से 373, सावल्दे पश्चिमी से 634, ढेला से 146 तथा ढिकुली से 5 आपत्तियां लिखित में मिली हैं। इसके अलावा अन्य आपत्तियां ग्रामीणो की ओर से मौखिक आई हैं। इस दौरान सीटीआर की बिजरानी रेंज के वनाधिकारी राजकुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। जनसुनवाई के दौरान ब्लाक प्रमुख संजय नेगी, ललित उप्रेती, प्रभात ध्यानी, हरीश पन्त, राकेश नैनवाल, हरीश बेलवाल, मनमोहन सिंह बिष्ट, सुरेंद्र घुगत्याल, सुबोध चमोली, कृपाल बेलवाल, गोविन्द सिंह, रईस अहमद, गोपालराम, विमला देवी, ललिता रावत, तुलसी छिम्वाल के अलावा बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण मौजूद रहे।