आईएमए से देवभूमि के 31 जाबांज हुए भारतीय थल सेना में शामिल

देहरादून के आईएमए की पासिंग आउट परेड में भी कोरोना का असर साफ दिखाई दिया। इस बार आईएमए की पासिंग आउट परेड में सभी मास्क लगाए दिखाई दिए, कोरोना संक्रमण की वजह से पिपिंग सेरेमनी में परिजनों की बजाय ऑफिसर्स ने जांबाज़ अधिकारियों के रैंक सजाने का काम किया।कैडेटों के परिवार वाले पासिंग आउट परेड में शामिल नही हो सके।देवभूमि के लिए इस बार भी पासिंग आउट परेड गौरवशाली रही,क्योंकि राज्य के 31 जांबाज़ सेना में अधिकारी बने हैं। पिथौरागढ़ जिले के दो भाई आईएमए में एक साथ दाखिल हुए जो एक साथ ही पले बढ़े हैं।रोहित वाल्दिया, और विकास वाल्दिया ने एक साथ भारतीय सेना में शामिल होकर देवभूमि का नाम रौशन किया है।उत्तराखंड हमेशा से ही वीर जवानों की भी भूमि रही है देश की सीमाओं में उत्तराखंड के कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाई है।
गौरतलब है कि इस बार भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर 333 युवा अफसर भारतीय थल सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार सुबह आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें 423 अफसरों ने हिस्सा लिया। इनमें से 90 जेंटलमैन कैडेट्स नौ अलग-अलग देशों के हैं।
पिछले वर्षों की तरह इस बार यूपी के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए।बीते दिनों भारत नेपाल के संबंधों में दरार भले ही आयी हो पर भारत मे नेपाल के मूल निवासियों के लिए आज भी वही जगह है ये बात भी पासिंग आउट परेड में साबित हो गयी इस बार नेपाल के भी तीन आईएमए से पास आउट होकर भारतीय सेना में अफसर बने हैं