अब भारत -चीन सीमा की चौकसी हुई आसान,चीन बार्डर तक जा सकेंगे सैनिक

उत्तरकाशी।
भारत से लगी सीमा पर चीन की सामरिक तैयारियों के जवाब में भारत ने भी सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। बीआरओ द्वारा हाल ही में सीमावर्ती चौकियों पर नेलांग-नागा और नागा-सोनम मोटर मार्ग के साथ ही यहां जाड़ गंगा पर 45 मीटर डबल लेन लंबा मोटर पुल तैयार किया है। बीआरओ ने अब यह सड़क और पुल राष्ट्र को समर्पित किया है।इस निर्माण के बाद सेना एवं आईटीबीपी के जवानों को सीमावर्ती चौकियों की निगरानी में सहूलियत होगी।
बता दें कि वर्षों पूर्व भारत-चीन सीमा पर चीन की ओर से सड़क एवं रेलमार्ग तक पहुंचाने की सूचनाएं विभिन्न माध्यमों से मिलती रही हैं। इसके उलट भारत की ओर से अग्रिम चौकियों की निगरानी के लिए सेना एवं आईटीबीपी के जवानों को मीलों दूरी दुर्गम पगडंडियों के सहारे तय करनी पड़ रही थी। बीते सालों में बीआरओ ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर बड़ी मिसाल पेस की है। बार्डर इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जाने का काम जोरों पर चल रहा है। इस क्रम में बीआरओ ने हाल ही में यहां नेलांग से नागा 8.1 किमी और नागा से सोनम 11.2 किमी लंबी सड़क तैयार की है। इसके साथ ही नागा के निकट जाड़गंगा पर 45 मीटर स्पानका मोटर पुल भी तैयार किया गया है। बीआरओ टास्क फोर्स के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सड़क एवं पुल के निर्माण से सीमावर्ती चौकियों की चौकसी में सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि बीआरओ टास्क फोर्स के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि समुद्र सतह से
12 हजार फिट से अधिक ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में अधिकांश समय बर्फ जमी रहने के कारण काम करना काफी मुश्किल था। साथ ही कम तापमान के कारण निर्माण में उच्च गुणवत्ता देना भी बड़ी चुनौती था। उन्होंने बताया कि नागा के निकट जाड़गंगा पर प्री स्ट्रेसिंग कंक्रीट तकनीक से 45 मीटर स्पान का मजबूत डबल लेन पुल तैयार किया गया है। जबकि सड़कों को ब्लैक टॉप करने में कोल्ड मिक्स तकनीक अपनायी गई है। बार्डर क्षेत्र में अन्य सड़कों और पुलों का निर्माण भी युद्धस्तर पर चल रहा है।
भारत से लगी सीमा पर चीन की सामरिक तैयारियों के जवाब में भारत ने भी सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। बीआरओ द्वारा हाल ही में सीमावर्ती चौकियों पर नेलांग-नागा और नागा-सोनम मोटर मार्ग के साथ ही यहां जाड़ गंगा पर 45 मीटर डबल लेन लंबा मोटर पुल तैयार किया है। बीआरओ ने अब यह सड़क और पुल राष्ट्र को समर्पित किया है।इस निर्माण के बाद सेना एवं आईटीबीपी के जवानों को सीमावर्ती चौकियों की निगरानी में सहूलियत होगी।
बता दें कि वर्षों पूर्व भारत-चीन सीमा पर चीन की ओर से सड़क एवं रेलमार्ग तक पहुंचाने की सूचनाएं विभिन्न माध्यमों से मिलती रही हैं। इसके उलट भारत की ओर से अग्रिम चौकियों की निगरानी के लिए सेना एवं आईटीबीपी के जवानों को मीलों दूरी दुर्गम पगडंडियों के सहारे तय करनी पड़ रही थी। बीते सालों में बीआरओ ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर बड़ी मिसाल पेस की है। बार्डर इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जाने का काम जोरों पर चल रहा है। इस क्रम में बीआरओ ने हाल ही में यहां नेलांग से नागा 8.1 किमी और नागा से सोनम 11.2 किमी लंबी सड़क तैयार की है। इसके साथ ही नागा के निकट जाड़गंगा पर 45 मीटर स्पानका मोटर पुल भी तैयार किया गया है। बीआरओ टास्क फोर्स के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सड़क एवं पुल के निर्माण से सीमावर्ती चौकियों की चौकसी में सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि बीआरओ टास्क फोर्स के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि समुद्र सतह से
12 हजार फिट से अधिक ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में अधिकांश समय बर्फ जमी रहने के कारण काम करना काफी मुश्किल था। साथ ही कम तापमान के कारण निर्माण में उच्च गुणवत्ता देना भी बड़ी चुनौती था। उन्होंने बताया कि नागा के निकट जाड़गंगा पर प्री स्ट्रेसिंग कंक्रीट तकनीक से 45 मीटर स्पान का मजबूत डबल लेन पुल तैयार किया गया है। जबकि सड़कों को ब्लैक टॉप करने में कोल्ड मिक्स तकनीक अपनायी गई है। बार्डर क्षेत्र में अन्य सड़कों और पुलों का निर्माण भी युद्धस्तर पर चल रहा है।