अंधविश्वास,झाड़फूंक और जर्जर क्वारन्टीन व्यवस्था ने ले ली एक मासूम की जान

नैनीताल जिले के बेतालघाट में आज मासूम बदहाल क्वारंटाइन व्यवस्था और अंधविश्वास की बलि चढ़ गई ।
मामला बेतालघाट के तल्ली सेठी गांव में खण्डर बन चुके प्राथमिक विद्यालय में बनाये गए क्वारंटाइन सेंटर का है जहाँ पिछले कुछ दिनों से सांप निकल रहे थे इसकी शिकायत भी ग्राम प्रधान और स्थानीय पुलिस को कर दी गयी थी। एक तो जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही दूसरा मासूम के परिजनों को जब पता चला कि बच्ची को सांप ने काट लिया है तब तत्काल उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बजाय वो झाड़ फूंक में ही उलझे रहे ,परिजन जब तक बच्ची को स्वास्थ्य केंद्र ले गए तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर सतीश पंत ने बताया कि बच्चे को आज सोमवार की सुबह तड़के करीब 5 बजे सांप ने काटा था, लेकिन परिजन दोपहर 1 बजे के आसपास बच्चे को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे ,जहां तुरंत बच्चे को इंजेक्शन और दवाइयां दी गयी लेकिन महज़ 15 मिनट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गयी,स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले बच्चे के माँ बाप सांप के काटे का झाड़ फूंक से इलाज करवाते रहे,जिसकी वजह से काफी देर हो गयी और बच्चे को बचाया न जा सका । सांप के काटे का झाड़ फूंक के करवाना यकीनन माँ बाप की ही गलती है लेकिन खण्डर बन चुके विद्यालय में इन लोगो को क्वारंटाइन करना ये किसकी लापरवाही है ये बड़ा सवाल है ।
बताया जा रहा है कि दिल्ली से 12-13 दिन पहले ही बच्चे के माता पिता बेतालघाट पहुंचे थे,जिन्हें होम क्वारंटाइन किया गया था लेकिन गांव में बाहर से आये लोगो पर आपत्ति होने लगी और गांव वालों ने ग्राम प्रधान से शिकायत की जिसके बाद इन प्रवासियों को बेतालघाट के तल्ली सेठ के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन कर दिया गया जहां बीते चार दिनों से सांपो के निकलने का सिलसिला बना हुआ था।बहरहाल झाड़ फूंक के अंधविश्वास और बदहाल क्वारंटाइन सेंटर की वजह से मासूम की जान चली गयी।