अंग्रेजी मीडियम के बच्चों को मात देती जयलक्ष्मी को मिला नासा में विज़िट करने का न्योता

जिसके नाम मे ही जय हो उसे भला कौन हारा सकता है,तमिलनाडु के सरकारी विद्यालय की कक्षा 11 की छात्रा जयलक्ष्मी का चयन नासा विज़िट के लिए किया गया है, जो अपने आप मे बहुत बड़ी बात है। इस विज़िट के लिए चयनित होना इतना आसान नही है, वो भी एक हिंदी मीडियम की छात्रा के लिए,जयलक्ष्मी ने पूरे एक महीने लगातार दिन रात मेहनत कर अंग्रेजी सीखी और ऑन लाइन कंपीटिशन दिया उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा से विज़िट करने का न्योता मिल गया।जयलक्ष्मी अकेले ही अपने परिवार को संभालती हैं उनके पिता की मौत के बाद माँ की मानसिक हालात खराब हो गयी परिवार में जयलक्ष्मी के अलावा उनका एक छोटा भाई भी है, जिसकी ज़िम्मेदारी भी जयलक्ष्मी के कंधों पर ही है।जयलक्ष्मी दिन में स्कूल में पढ़ती है और स्कूल के बाद वो काजू बेचकर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी बमुश्किल जुटा पाती हैं । शाम को जयलक्ष्मी घर पर ही छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हैं।जयलक्ष्मी अपना प्रेरणास्त्रोत एपीजे अब्दुल कलाम को मानती हैं, डॉक्टर अब्दुल कलाम की जीवनी पढ़ कर ही जयलक्ष्मी की स्पेस में रुचि जागी, वो इसी फील्ड में अपना भविष्य देखती हैं नासा से मिले न्योते पर जयलक्ष्मी एक तरफ बहुत खुश हैं तो नासा तक जाने के लिए खर्च को लेकर परेशान भी हैं लेकिन उनकी इस परेशानी को एक कलेक्टर ने दूर करने का आश्वासन भी दिया है।