उत्तराखंड: यूपीसीएल को 15 दिन में देना होगा बिजली कनेक्शन! वरना रोजाना पांच रुपये प्रति हजार हर्जाना

Uttarakhand: UPCL will have to provide electricity connection in 15 days! Otherwise compensation of Rs 5 per thousand per day

उत्तराखंड में अब 15 दिन के भीतर उपभोक्ता को बिजली का नया कनेक्शन न दिया तो यूपीसीएल को जमा रकम पर पांच रुपये प्रति हजार प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना उपभोक्ता के खाते में देना होगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2022 में अब स्वत: हर्जाने का प्रावधान कर दिया है, जो प्रदेश में अगले साल एक अप्रैल से लागू होगा।

दरअसल नियामक आयोग ने पिछले साल अप्रैल में रेगुलेशन जारी किया था, जिसमें सभी सेवाओं को पूरा करने के लिए समयावधि तय की गई थी। साथ ही ये भी कहा गया था कि तय समय में सेवा पूरी नहीं की तो प्रतिपूर्ति देनी होगी। इसके लिए आयोग ने प्रतिपूर्ति के आवेदन का खाका भी जारी किया था। यूपीसीएल को छह माह में कंप्लेंट हैंडलिंग प्रॉसिजर लागू करना था, लेकिन यूपीसीएल ने चलताऊ सिस्टम तैयार किया। इस पर अब नियामक आयोग ने खुद पूरा प्रॉसिजर तैयार कर दिया है, जिसे दो माह के भीतर अनिवार्य रूप से लागू करना है। नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, तीन सेवाओं में हीलाहवाली करने पर यूपीसीएल को उपभोक्ता को हर्जाना देना होगा, जो स्वत: उसके खाते में जाएगा। कहा इसका सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए आयोग ने यूपीसीएल को 31 मार्च तक का समय दिया है। एक अप्रैल से पहली बार उपभोक्ता को समय से सेवा न मिलने पर हर्जाना मिलेगा। अभी तक केवल प्रतिपूर्ति का प्रावधान था, लेकिन अब स्वत: हर्जाना देने का प्रावधान भी कर दिया गया है।

अगर 40 मीटर की दूरी के भीतर बिजली का खंभा है और निर्धारित 15 दिन में बिजली कनेक्शन नहीं दिया तो पांच रुपये प्रति हजार प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा। यानी अगर किसी उपभोक्ता ने 10 हजार रुपये शुल्क जमा किया हुआ है तो यूपीसीएल उसके साथ 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना उपभोक्ता के खाते में सीधे भेजेगा।मीटर खराब होने की शिकायत पर 30 दिन के भीतर परीक्षण करना है। इसके बाद 15 दिन के भीतर मीटर न बदला तो 50 रुपये प्रतिदिन हर्जाना स्वत: लगना शुरू हो जाएगा। त्रुटिपूर्ण या अटके हुए मीटर के लिए भी यही लागू होगा। जले हुए मीटर की शिकायत पर छह घंटे के भीतर आपूर्ति बहाल करनी होगी। तीन दिन के भीतर नया मीटर लगाना होगा। ऐसा नहीं किया तो 100 रुपये प्रतिदिन का हर्जाना स्वत: उपभोक्ता को मिलना शुरू हो जाएगा। बिजली भार बढ़ाने या घटाने के आवेदन के मामले में एलटी कनेक्शन पर 15 दिन, एचटी कनेक्शन पर 30 दिन के भीतर निर्णय नहीं लिया तो 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से स्वत: हर्जाना उपभोक्ता के खाते में चला जाएगा। इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार तय की गई है।