उत्तराखण्डः कोरोनाकाल में पेरोल पर छूटे कैदी अबतक फरार! तलाश में जुटी ऊधम सिंह नगर पुलिस, अबतक नहीं मिली सफलता

रुद्रपुर। जहां करोना काल लोगों के लिए एक मुसीबत का सबब बना था तो वहीं गंभीर अपराधों में दोषी कैदियों के लिए वरदान साबित हुआ था। कोरोनाकाल के दौरान कोविड नियमों का पालन करने के लिए केदियों को पेरोल दी गयी थी। जिसमें से कुमाऊ मंडल के 4 जेलों के 255 कैदी पेरोल से वापस नहीं पहुंचे, जिसमें ऊधम सिंह नगर के सितारगंज केंद्रीय जेल से भी पेरोल से आये कैदी फरार हैं। अब फरार कैदियों को पुलिस ढूंढने में लगी हुई है, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ ना लगी है। बता दें कि जेल प्रशासन की ओर से इन कैदियों को रिहा करने के आदेश के बावजूद, इनमें से कई कैदी हत्या, डकैती और चोरी जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए थे, जो अब तक फरार हैं। अधिकारियों ने बताया कि भीड़भाड़ वाली जेलों में कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, जेल नियमों के अनुसार सामान्य एक महीने की अवधि के बजाय, 2020 में इन कैदियों को तीन महीने की पैरोल दी गई थी। हालांकि पैरोल खत्म होने के बाद 80 कैदी वापस नहीं लौटे। अब यह मामला देहरादून मुख्यालय तक पहुंच गया है, जिसने अधिकारियों को इन कैदियों को पकड़ने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। जेल नियमों के अनुसार कैदियों को अधिकतम एक महीने के लिए पैरोल दी जा सकती है। जिसे करीबी पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु या शादी जैसी विशेष परिस्थितियों में तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। कुछ मामलों में लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदियों को राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी से 14 दिनों तक की पेरोल दी जा सकती है। इस मामले में एसपी सिटी मनोज कत्याल ने कहा कि विभाग ने भगोड़ों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। उन्हें पकड़ने और हिरासत में वापस लाने के लिए पुलिस टीमें बनाई गई हैं।