उत्तराखण्डः पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी, राजभवन ने लौटाया

 Uttarakhand: Ordinance to amend Panchayati Raj Act not approved, returned by Raj Bhavan

देहरादून। प्रदेश की पंचायतों में प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति संबंधी अध्यादेश को राजभवन ने बिना मंजूरी लौटा दिया है। इस कारण 10760 त्रिस्तरीय पंचायतें अभी खाली रहेंगी। इससे पंचायतों में सांविधानिक संकट पैदा हो गया है। त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का छह महीने का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति के लिए पंचायती राज विभाग ने आनन-फानन में प्रस्ताव तैयार किया। जिसे पहले विधायी विभाग यह कहते हुए लौटा चुका था कि कोई अध्यादेश यदि एक बार वापस आ गया तो उसे फिर से उसी रूप में नहीं लाया जाएगा। ऐसा किया जाना संविधान के साथ कपट होगा। विधायी विभाग की इस आपत्ति के बावजूद अध्यादेश को राजभवन भेज दिया गया। राज्यपाल के सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक विधायी विभाग की आपत्ति का निपटारा किए बिना इसे राजभवन भेजा गया। जिसे विधायी को वापस भेज दिया गया है। इसमें कुछ चीजें स्पष्ट नहीं हो रही थीं, इसके बारे में पूछा गया है। इसमें विधायी ने कुछ मसलों को उठाया था। राजभवन ने इसका विधिक परीक्षण किए जाने के बाद इसे लौटाया है। प्रदेश में हरिद्वार की 318 ग्राम पंचायतों को छोड़कर 7478 ग्राम पंचायतें, 2941 क्षेत्र पंचायतें और 341 जिला पंचायतें मुखिया विहीन हो गई हैं। पहली बार इस तरह की स्थिति बनी है।