उत्तराखण्डः आवारा पशुओं को लेकर दायर याचिका पर हुई सुनवाई! हाईकोर्ट ने फोटोग्राफ पेश करने के दिए निर्देश, हल्द्वानी नगर निगम ने पेश किया शपथपत्र

Uttarakhand: Hearing on the petition filed regarding stray animals! High Court gave instructions to submit photographs, Haldwani Municipal Corporation presented affidavit

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गो, गलियों व मौहल्लों में छोड़े गए आवारा पशुओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है कि आवारा पशुओं के लिए जो गौशाला बनाई गई है और जो प्रस्तावित हैं उसका मौका मुआयना कर उसकी फोटोग्राफ कोर्ट में पेश करें। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। आज हुई सुनवाई पर पूर्व के आदेश के क्रम में नगर निगम हल्द्वानी द्वारा शपथपत्र पेश कर कहा कि कार्यदायी संस्था ने कोर्ट के आदेश पर एक गौशाला बना दिया है। जिसमें गली, मोहल्लों, सड़कों पर छोड़े गए आवारा पशुओं का रेस्क्यू करके रखा जा रहा है। सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद 4.268 हेक्टेयर भूमि गौ शाला के लिए दे दी और उसको बनाने के लिए 4.98 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है। गौशाला बनाने के लिए 1.98 करोड़ रुपया कार्यदायी संस्था की रिलीज भी कर दिया है। जिसमें 2000 आवारा पशुओं को इसमे रखा जा सकता है।

इसपर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि अभी तक कोई स्थायी हल नही निकाला गया। उनके द्वारा 2023 में जनहित याचिका दायर की गई थी। तब से अब तक आवारा पशुओं ने कई लोगों की जान ले ली है। कई स्कूटी व वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। आये दिन गली व सड़कों पर इनकी वजह से जाम लग जाता है। इनको हटाने के लिए नगर निगम, नगर पालिका सहित पुलिस को भी निर्देश दिए जाएं। बता दें कि हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की व्यस्ततम सड़कों में आवारा पशुओं के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही है। इनके आपस में लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई। यही नही इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो रही है। कई बार इनके आपसी झगड़े की वजह से व्यस्ततम सड़कों पर कई घण्टों का जाम तक लग जाता हैं। जबकि आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायलय सहित सर्वोच्च न्यायालय ने सम्बंधित निकायों को कई बार दिशा निर्देश जारी हैं, परन्तु अभी तक सम्बंधित निकायों के द्वारा उन निर्देशों का अनुपालन नही किया गया। जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि राज्य की सड़कों पर से आवारा पशुओं को हटाया जाय।