उत्तराखंड:केदारनाथ में एक्सप्लोरर ग्रुप ने 8 टन कचरे की सफाई कर पवित्र धाम को बनाया स्वच्छ!नगर पंचायत ने किया सहयोग और की सराहना
उत्तराखंड के प्रसिद्ध धाम केदारनाथ ने यात्रा के दौरान प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. भारी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों के बीच स्वच्छता बनाए रखना जिला प्रशासन और नगर पंचायत के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है। केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से पहले इस बड़ी चुनौती का सामना करने में टीम एक्सप्लोरर ने नगर पंचायत केदारनाथ का सहयोग करते हुए केदारनाथ मुख्य मंदिर परिसर,और आसपास से करीब 8 टन कचरे को एकत्र कर रिसाइक्लिंग और इसके उचित निपटान के लिए भेजा है।

इस नेक कार्य में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए उत्साही युवाओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने नगर पंचायत केदारनाथ के पूर्ण समर्थन के साथ इस अभियान को सफल बनाया। यह सफाई अभियान मंदिर के वार्षिक बंद होने के बाद शुरू किया गया, ताकि इस पवित्र स्थल की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित किया जा सके।

एक्सप्लोरर ग्रुप का मुख्य उद्देश्य हिमालय की नाजुक पारिस्थितिकी को प्लास्टिक और अन्य कचरे से होने वाले नुकसान से बचाना है। केदारनाथ के अलावा यह ग्रुप बद्रीनाथ,कैंचीधाम जैसे अन्य तीर्थ स्थलों और हिमालयी क्षेत्रों में भी सफाई अभियान चला चुका है। एक्सप्लोरर ग्रुप में शामिल युवा न केवल सफाई कार्य करते हैं, बल्कि स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी करते हैं।

स्वच्छता अभियान में एक्सप्लोरर ग्रुप के सदस्य पंकज कांडपाल, बलविंदर सिंह, सत्यम भट्ट, गौरव चौबे,अंकित मिश्रा,आनंद गौतम, रोहित पाल,और नगरपंचायत केदारनाथ से कार्यकारी अधिकारी नीरज कुकरेती, पर्यावरण पर्यवेक्षक हिमांशु नेगी ने सहयोग किया।

गौरतलब है कि केदारनाथ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, हर साल लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह पवित्र स्थल हिमालय की गोद में बसा है और चारों ओर से बर्फीली चोटियों, हरे-भरे जंगलों और मंदाकिनी नदी से घिरा हुआ है। हालांकि, बढ़ते पर्यटन के साथ-साथ प्लास्टिक कचरे का ढेर भी इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचा रहा है। प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं, जिससे मंदाकिनी और अन्य सहायक नदियों का जल दूषित हो रहा है। यह न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है, बल्कि वन्यजीवों और मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन रहा है। केदारनाथ एक पवित्र स्थल होने के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं, लेकिन कई लोग अपने साथ लाए प्लास्टिक कचरे को यहीं छोड़ जाते हैं। एक्सप्लोरर ग्रुप का उद्देश्य न केवल सफाई करना है, बल्कि लोगों को यह समझाना भी है कि वे अपने कचरे को वापस ले जाएँ और इस पवित्र भूमि को स्वच्छ रखें।
आपको ये भी बता दें कि हाल ही में विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ को राज्य स्तरीय “स्वच्छता पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर पंचायत केदारनाथ को प्रदान किया है।