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उत्तराखंड: उद्यान घोटाले में तीन कर्मचारियों को सीबीआई ने लिया हिरासत में! कई घंटों से चल रही पूछताछ,शाम तक हो सकती है गिरफ्तारी 

Uttarakhand: CBI detains three employees in garden scam! Interrogation going on for several hours, arrests may be made by evening

उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई ने कार्रवाई की है। सीबीआई ने आज तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों से सीबीआई ऑफिस में पूछताछ जारी है। पिछले साल अक्तूबर से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई थी। बताया जा रहा है कि मामले में आज शाम तक इन कर्मचारियों में से कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है। बता दें कि उद्यान विभाग में फलदार पौधों की ख़रीद में गड़बड़ी में हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने सीबीसीआईडी से इस जांच से संबंधित दस्तावेज हासिल कर लिए थे। इसमें पीई (प्राथमिक जांच) दर्ज कर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी थी।

बता दें कि अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती और अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था।  याचिकाओं में कहा गया है कि उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया है। फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ियां की गई हैं। विभाग ने एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है। जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात तो ये थी कि जिस कंपनी से पौधे खरीदवाना दिखाया, उसे लाइसेंस ही उसी दिन मिला था, जिस दिन खरीद हुई। इन याचिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट ने इसकी जांच के आदेश दिए थे।  शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को यह जांच सौंपी गई। लेकिन याचिकाकर्ता इस जांच से संतुष्ट नहीं हुए। ऐसे में उन्होंने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पिछले साल अक्तूबर में हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच को सीबीआई के हवाले करने के आदेश दिए थे। इस मामले में उद्यान विभाग के डायरेक्टर को सस्पेंड भी किया जा चुका है। आरोप है कि मुख्य उद्यान अधिकारी के साथ मिलकर निदेशक ने एक फर्जी आवंटन जम्मू कश्मीर की नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया। बरकत एग्रो को इनवाइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया। यही नहीं बिना लेखाकार के हस्ताक्षर के ही करोड़ों के बिल ठिकाने लगा दिए गए। 

दरअसल उत्तराखंड उद्यान विभाग में नर्सरी के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया था। ये दावा किया गया कि 15 लाख पौधे लगाने के बहाने 70 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गए थे। महंगे दामों पर बीज खरीदने का मामला भी सामने आया था। इस मामले को अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती ने खोला था। वहीं। 12 जून 2023 को अनियमितताओं के चलते हरविंदर सिंह बवेजा को उद्यान निदेशक के पद से निलंबित किया गया. बवेजा पर वित्तीय अनियमितताओं के अलावा ये भी आरोप थे कि उन्होंने राज्य में होने वाले फल मसाले सब्जी के महोत्सव के दौरान अपनी फाइलों में जरूरत से ज्यादा खर्च दिखाया. सरकार ने मामला खुलने के बाद एसआईटी  जांच के आदेश दिए थे। वहीं एसआईटी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दीपक करगेती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले से असंतुष्ट होकर घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए। उधर हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई. सरकार की ओर से उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा था कि एसआईटी जांच पर सरकार को भरोसा था इसलिए सुप्रीम कोर्ट गए थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए सीबीआई  जांच के निर्देश जारी रखे। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस पूरे घोटाले में रानीखेत से बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद नैनवाल ने सफाई देते हुए कहा था कि उद्यान विभाग द्वारा नियमों के तहत ही उन्हें पेड़ मिले। ये पेड़ कृषक समिति के तहत दिए गए हैं जिसमें कई किसान शामिल हैं। उद्यान विभाग से मिला इसका प्रमाण पत्र भी उनके पास है। इन पेड़ों का लाभ पूरी कृषक समिति में मौजूद किसानों को मिल रहा है।