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उत्तराखण्डः हल्द्वानी में दृष्टिबाधित बच्ची से यौन शोषण का मामला! पहले भी सामने आ चुके हैं कई प्रकरण, धानक की करतूत ने खड़े किए कई सवाल?

 Uttarakhand: Case of sexual exploitation of a visually impaired girl in Haldwani! Many incidents have already come to light, Dhanak's actions raised many questions?

हल्द्वानी। हल्द्वानी में दृष्टिबाधित संस्था में बच्ची से यौन शोषण के प्रकरण ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस प्रकरण के बाद जहां लोगों का भरोसा टूटा है, वहीं अलग-अलग संस्थानों में लगातार सामने आ रहे मामलों ने यहां रह रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं। अभी हाल ही में नैनीताल के वीरभट्टी में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसे में भी बच्चों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था, हांलाकि मामले की सूचना पर प्रशासनिक तंत्र हरकत में आ गया और जांच-पड़ताल की। वहीं इससे पहले रामनगर में भी एक संस्थान में बच्चों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जिसमें परिजनों ने संचालक पर गंभीर आरोप लगाए थे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस प्रकार संचालित हो रहे संस्थानों की जांच क्यों नहीं होती। क्या शासन-प्रशासन संस्थान चलाने वालों की जांच करती है, या फिर कोई भी संस्थान खोल सकता है। हल्द्वानी में दृष्टिबाधित संस्थान में जिस प्रकार एक बच्ची का यौन शोषण का मामला सामने आया है, उसमें में भी यही सवाल खड़े होते हैं। हांलाकि इस मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। यौन शोषण के आरोपी श्याम सिंह धानक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। 

उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग ने तलब की रिपोर्ट
इस मामले में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग ने नैनीताल पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि राज्य में स्कूल और अस्पतालों को किस तरह के लोग खोल रहे हैं, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। विजिलेंस से जांच के बाद ही इन्हें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए, देखा जाना चाहिए कि कही यह लोग आपराधिक प्रवृत्ति के तो नहीं हैं। बता दें कि शुक्रवार शाम दृष्टिबाधित संस्था के महासचिव श्याम धानक के खिलाफ पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

इतनी ढिलाई क्यों बरती?
खबरों के मुताबिक पुलिस को डेढ़ माह पहले धानक के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत मिली थी। सवाल ये उठता है कि इतने गंभीर मामले में पुलिस की ओर से इतनी ढिलाई क्यों बरती गई? दिव्यांग बच्ची के मामले में पुलिस ने जांच करने में इतना वक्त क्यों लगाया। आरोप लग रहे हैं कि यौन शोषण के अलावा श्याम सिंह धानक बच्चियों को डराता धमका भी था। ताकि यौन शोषण का मामला बाहर न आने पाए।

सादी वर्दी में संस्थान पहुंची पुलिस
वहीं इस मामले में रविवार को पुलिस सादी वर्दी में दृष्टिबाधित संस्थान पहुंची और छात्राओं के बयान दर्ज किए। वहां लगे सीसीटीवी की भी जांच की गई। हॉस्टल से लेकर कक्षाओं तक में होने वाली गतिविधियों और नियमित दिनचर्या के बारे में गहन पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि पुलिस उन छात्राओं से भी बात करेगी जिनके नाम पीड़िता ने शिकायती पत्र में दर्ज किए हैं। पुलिस धानक की संपत्ति की जांच भी कराएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि धानक कहीं संस्था का पैसा निजी प्रयोग में तो खर्च नहीं कर रहा था। संस्था के आय.व्यय के रजिस्टर की जांच भी होगी। पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जिन्हें धानक की काली करतूतों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। छात्राओं से बातचीत में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, पुलिस उन सभी पहलुओं की जांच कर रही है।