उत्तराखण्डः सरकारी जमीन से सैकड़ों परिवारों को हटाए जाने का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, यूपी और उत्तराखण्ड के अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Uttarakhand: Case of removal of hundreds of families from government land! Hearing held in High Court, these instructions given to UP and Uttarakhand officials

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालागढ़ डैम के समीप वन विभाग व सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध रूप से रह रहे सेवानिवृत्त व अन्य  करीब 4 से 5 सौ परिवारों को हटाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने मामले की वास्विकता को जानने के लिए चीफ सेकेट्री यूपी व उत्तराखंड, फाइनेंस सेकेट्री यूपी व उत्तराखंड तथा रेवन्यू सेकेट्री यूपी व उत्तराखंड को निर्देश दिए हैं कि वे 21 मार्च को वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश हों। पूर्व के आदेश पर डीएम आशीष चौहान ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में कहा गया कि वहां पर तीन तरह के लोग निवास कर रह रहे हैं। जिसमें कुछ कर्मचारी अभी कार्य कर रहे हैं, रिटायर कर्मचारी और उनके परिजन तथा बाकि मजदूर, दुकानदार, ठेकेदार व माल सप्लायर हैं।

रिपोर्ट में आगे यह भी कहा है कि इनको विस्थापित करने के लिए उनके द्वारा अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। यही नही यहां पर यूपी सरकार की भी भूमि है। उनकी भी अनुमति लेनी आवश्यक है। जिसपर कोर्ट ने उत्तराखंड व यूपी सरकार के अधिकारियों को वीसी के माध्यम से पेश होने को कहा। बता दें कि कालागढ़ जन कल्याण उत्थान समिति ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि तत्कालीन यूपी सरकार ने 1960 में कालागढ़ डैम बनाएं जाने के लिए वन विभाग की कई हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करके सिंचाई विभाग को दी थी। साथ में यह भी कहा था कि जो भूमि डैम बनाने के बाद बचेगी उसे वन विभाग को वापस किया जाएगा। डैम बनने के बाद कई हेक्टेयर भूमि वापस की गई, लेकिन शेष बची भूमि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अन्य लोगो ने कब्जा कर दिया। अब राज्य सरकार 213 लोगों को विस्थापित कर रही है जबकि वे भी दशकों से उसी स्थान पर रह रहे हैं उनको नही। उन्हें हटने का नोटिस दिया गया है। लिहाजा उनको भी अन्य की तरह विस्थापित किया जाय।