उत्तराखण्डः महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग में जॉइंट डायरेक्टर के पद पर पदोन्नति का मामला! हाईकोर्ट ने सचिव से कहा- क्यों न आपको अवमानना नोटिस जारी किया जाए

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग में 4 वर्षों से जॉइंट डायरेक्टर के पद पर पदोन्नति न किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव महिला सशक्तिकरण को कोर्ट के पूर्व का आदेशों का पालन नही करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि क्यों न आपको अवमानना नोटिस जारी किया जाए। कोर्ट ने सचिव महिला सशक्तिकरण को 21 अप्रैल तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 अप्रैल की तिथि नियत की है। बता दें कि याचिकाकर्ता सुजाता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि बाल विकास व महिला सशक्तिकरण विभाग में उनकी पदोन्नति पिछले 4 सालों से लंबित होने के बावजूद उन्हें अभी तक पदोन्नत नही किया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि कोर्ट ने 5 सितंबर 2024 में उनकी पदोन्नति को लेकर विभाग को आदेशित किया था। लेकिन अभी तक उन्हें पदोन्नत नही किया गया। सुजाता का कहना है कि 6 माह बाद वे सेवानिवृत्त होने जा रही हैं, सरकार जानबूझकर उन्हें पदोन्नति नही दे रही है।