रुद्रपुर में स्मार्ट मीटर पर मची रार,कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने,जानिए क्या है स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर और कैसे करता है काम

There is a dispute over smart meter in Rudrapur, Congress and BJP face to face, know what is a smart electric meter and how does it work

स्मार्ट मीटर को लेकर कांग्रेस ने भाजपा और मुख्यमंत्री पर साधा निशाना,बचाव में धरातल पर उतरे बिजली विभाग के साथ बीजेपी नेता,गिनाए फायदे 

समय के साथ जब सभी चीजों में बदलाव आया तो बिजली विभाग ने भी कुछ नया करने की सोची। अब नए स्मार्ट मीटर को लगवाने के बाद लोग जितना रिचार्ज करते हैं, उतने का बिजली यूज करते हैं। दरअसल,पहले के समय में आपने बिजली मीटर को घर के अंदर ही लगता था और महीने भर बिजली का इस्तेमाल करने के बाद उसका बिल आता था। इसके बाद लोग बिजली ऑफिस में जाकर बिल पे करते थे। बाद में लोग ऑनलाइन भी बिल का पेमेंट करने लगे। 

स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर क्या हैं?
संक्षेप में आपको बातें दे, एक स्मार्ट पावर मीटर बिल्कुल पारंपरिक मीटर की तरह काम करता है, जिसमें यह आपकी ऊर्जा खपत को मापता है, मॉनिटर करता है और रिकॉर्ड करता है। हालाँकि, इसमें एक बड़ा अंतर है। उपयोग की जांच करने के लिए मीटर रीडर की आवश्यकता के बजाय, यह इलेक्ट्रिक मीटर आपकी खपत की जानकारी सीधे उपयोगिता ऑपरेटर को भेजता है, क्योंकि यह एक संचार मॉड्यूल वाला डिजिटल उपकरण है। औसतन, ये स्मार्ट मीटर हर 15 मिनट या उससे भी कम समय में उपयोग की जानकारी भेजते हैं, जिससे समर्पित मीटर रीडर की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। 

स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर कैसे काम करते हैं?
एक स्मार्ट पावर मीटर आपके आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक बिजली उपयोग की स्वचालित रीडिंग लेता है और आपके ऊर्जा आपूर्तिकर्ता को वायरलेस तरीके से जानकारी रिले करता है। इसके अलावा, कुछ मीटर आपको पीक और ऑफ-पीक घंटों के दौरान अपने ऊर्जा उपयोग के रुझानों का विश्लेषण करने में भी मदद करते हैं, जो आपको अपने भविष्य के उपयोग की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं, और इस तरह आपको अपने बिजली बिलों को तदनुसार कम करने की अनुमति देते हैं - आपकी ओर से कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, एकल-चरण विद्युत मीटर इन-होम डिस्प्ले के साथ भी आता है, जो उपयोगकर्ताओं को उनकी ऊर्जा खपत और इसकी लागत को देखने की सुविधा देता है। 

देश और प्रदेश के सभी बिजली विभाग जल्द ही बड़ा बदलाव करने जा रहा है। उपभोक्ताओं के यहां निजी कंपनियां जो स्मार्ट मीटर लगा रही हैं,वह भले ही अभी पोस्ट पेड हों, लेकिन आने वाले चंद माह में ये सभी प्री-पेड में बदल दिए जाएंगे। इसके बाद उपभोक्ता को जितनी बिजली की जरूरत होगी,वह उस अनुसार उसको रीचार्ज कर सकता है। यह व्यवस्था देश के सभी बिजली उपभोक्ताओं पर लागू होगी। आपके घर में लग रहे स्मार्ट मीटर अभी पोस्ट पेड लगाए जा रहे हैं, छह से आठ माह के बाद यह प्री-पेड मीटर में बदल जाएंगे। फिर जितने रुपये का रिचार्ज कराएंगे, उतनी बिजली खर्च कर पाएंगे। मीटर एजेंसियां अपना पूरा सिस्टम विकसित कर लेंगी। अभी अगर कोई उपभोक्ता सोच रहा है कि पोस्ट पेड स्मार्ट मीटर, प्री-पेड में नहीं बदलेगा तो वह गलत सोच रहा है। कुल मिलाकर मोबाइल वाली व्यवस्था हो जाएगी। पहले रिचार्ज करना होगा, फिर बिजली का उपभोग कर सकेंगे।

किसी भी समाज में जब कोई बदलाव होता है तो लोग उसे बहुत ही ज्यादा रेजिस्टेंस के साथ स्वीकार करते हैं,क्योंकि पुराने सिस्टम की आदत कुछ इस कदर लग जाती है की नई व्यवस्था को अपनाने से हम परहेज करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों रुद्रपुर बिजली विभाग द्वारा शुरू किये गए प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के साथ भी होते हुए दिखाई दे रहा है। 

उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर के जनपद में स्मार्ट मीटर लोगों के जी का जंजाल बन गया है। रुद्रपुर और किच्छा में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासत होने लगी है। विपक्षी राजनीतिक पार्टियां इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। मोर्चा खुलना  और आंदोलन शुरू हो गए है। वहीं कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लगातार उठा है। स्मार्ट मीटर को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन हैं। लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें कितना बिजली बिल हर रोज देना पड़ रहा है और उपभोक्ताओं के ऊपर क्यों बोझ बढ़ गया है। स्मार्ट मीटर का विरोध आम लोग भी कर रहे हैं। प्रदेश के कई इलाकों में लोग प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध हो रहा हैं। बिजली बिभाग और निजी कंपनियों को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने भी विधायक तिलक राज बेहड़ के साथ मिलकर बीजेपी सरकार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले पर आड़े हाथों लिया। कांग्रेस के तीनों विधायकों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वो इस मामले को सड़कों से लेकर सदन तक उठाएंगे। उधम सिंह नगर जिले में किसानों और गरीब मजदूरों के पास अपने बच्चों की फीस भरने तक के रुपए नहीं है। लोग अपनी तनख्वा और फसल की ब्रिकी पर निर्भर है। ऐसे हालत में लोग बिजली के लिए एडवांस में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को कैसे रिचार्ज करेंगे?

वही दूसरी ओर यूपीसीएल की ओर से घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए जाने के फायदे बताए जा रहे हैं। विभाग लोगों को स्मार्ट मीटर लगाने की जानकारी दे रहा है। ऊर्जा निगम के डीजीएम और भाजपा नेताओं ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बिजली बिल वर्तमान की तरह विद्युत उपभोग के ही प्राप्त होंगे। स्मार्ट मीटर पोस्टपेड के रूप में कार्य करेगा। स्मार्ट मीटर लग जाने के साथ ही सभी उपभोक्ता मोबाइल एप के माध्यम से हर घंटे होने वाली विद्युत खपत की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मानवीय त्रुटि के कारण बिल गलत बनने की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही बिल को सही करवाने के लिए विद्युत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। स्मार्ट मीटर में किसी भी प्रकार की खराबी आने पर तत्काल इसकी सूचनी यूपीसीएल और सम्बंधित कार्यदायी संस्था को मिल जाएगी। जिसे तत्काल बदला जाएगा।