सशक्त उत्तराखंड के लिए होने वाला चिंतन शिविर टला! ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की सुगबुगाहट तेज

प्रदेश में सशक्त उत्तराखंड के लिए फिलहाल चिंतन नहीं होगा। दरअसल नैनीताल में होने जा रहे चिंतन शिविर के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। जिसकी जानकारी सभी अधिकारियों को दे दी गई है। हालांकि अभी नई तारीख जारी नहीं की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि ब्यूरोक्रेसी में बदलाव होने के बाद ही अब सशक्त उत्तराखंड के लिए चिंतन शिविर के कार्यक्रम को किया जाएगा।
राज्य में आगामी लक्ष्यों और सशक्त उत्तराखंड के लिए ब्यूरोक्रेसी के प्लान पर मंथन अभी नहीं हो पाएगा। हालांकि तय कार्यक्रम के अनुसार राज्य में चिंतन शिविर के रूप में नैनीताल जिले को चुना गया था। नैनीताल में 25 से 27 अप्रैल के बीच तीन दिवसीय चिंतन शिविर प्रस्तावित था। लेकिन अचानक सरकार ने इस चिंतन शिविर को स्थगित करने का फैसला लिया। खास बात यह है कि यह चिंतन शिविर अब कब होगा? इसके लिए नई तारीख घोषित नहीं की गई है। ऐसे में जल्द ही चिंतन शिविर के होने की संभावना कम नजर आ रही है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने चिंतन शिविर के स्थगित होने की खबर की पुष्टि की है। प्रदेश में पिछले लंबे समय से ब्यूरोक्रेसी के बदलाव को लेकर चर्चाएं जोरों पर चल रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर भी अफसर के बदलाव के लिए अफसरों से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। जिला स्तर से लेकर सचिवालय में बड़े अफसरों तक की जिम्मेदारी में बदलाव के लिए करीब-करीब मुहर भी लगाई जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद जिला स्तर पर जिलाधिकारी की तैनाती पर कुछ नामों को लेकर संशोधन की चर्चाओं के बीच सूची जारी नहीं हो पाने की भी खबर आ रही है।
चिंतन शिविर के स्थगित होने के बाद माना जा रहा है कि अब ब्यूरोक्रेसी में बदलाव के बाद ही चिंतन शिविर को आयोजित किया जाएगा। हालांकि चारधाम यात्रा के भी जल्द शुरू होने के कारण चिंतन शिविर ना हो पाने की बात कही जा रही है। क्योंकि 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। ऐसे में यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही सभी अधिकारियों का एक स्थान पर जुटना चारधाम यात्रा की तैयारियों को फीका भी कर सकता है। वहीं सभावना जताई जा रही है कि मई माह में चिंतन शिविर आयोजित हो सकता है। चिंतन शिविर के लिए आरएस टोलिया उत्तराखंड एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन नैनीताल को चुना गया था। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम कैबिनेट मंत्रियों को भी मौजूद रहना था। चिंतन शिविर में पर्यटन, आयुष वेलनेस, ग्रामीण रोजगार, कौशल विकास समेत विभिन्न विषयों पर अधिकारियों को प्रेजेंटेशन देना था। ताकि सशक्त उत्तराखंड की तरफ राज्य बढ़ सके। इससे पहले राज्य में चिंतन शिविर मसूरी में आयोजित किया गया था। तब प्रदेश में मुख्य सचिव के तौर पर ब्यूरोक्रेसी की कमान एसएस संधू संभाल रहे थे। अब यह पहला मौका है जब आनंद वर्धन मुख्यसचिव के तौर पर सभी अफसरों से संवाद करेंगे और चिंतन शिविर के माध्यम से संदेश भी देंगे।