सिलक्यारा सुरंगः पाइप से निकाले गए ऑगर मशीन के ब्लेड! सेना समेत कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी, जल्द मिल सकती है खुशखबरी
देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। हांलाकि रेस्क्यू ऑपरेशन में तरह-तरह की बाधाएं आ रही है, लेकिन विभिन्न टीमें रेस्क्यू में जुटीं हुई हैं। भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का एक इंजीनियर ग्रुप, समूह, मद्रास सैपर्स की एक यूनिट भी रेस्क्यू ऑपरेशन मे जुटा हुआ है। ये जवान मैनुअल ड्रिलिंग में सहयोग करने के साथ-साथ ऑगर मशीन के शॉफ्ट काटकर अलग कर रहे हैं। ऑगर मशीन के हेरो ब्लड को आज सुबह पूरी तरह से काटकर निकाल लिया गया।
48 मी फंसी ऑगर मशीन के ब्लेड अब पाइप से पूरी तरह निकाल लिए गए हैं। 11 लोगों की रैट माइनर (इस तरह के कार्यों में पारंगत टीम) की अब पाइप के भीतर अगले 10 मीटर को मैन्युअल ड्रिल करेगी। सुरंग के भीतर आज से मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू हो सकता है। ऑगर मशीन को पीछे खींच जाएगा उसके बाद पाइप के मार्बन की सफाई होगी और फिर रेट माइनर की टीम एक बार में 6 घंटे लगातार अपने उपकरणों के साथ अंदर के पत्थर औजारों और राह में आने वाले धातु के हिस्सों को काटकर रास्ता बनाएगी। जैसे ही आगे मलवा काटा जाएगा और पाइप के लिए रास्ता बांटा जाएगा।
ऑगर मशीन 800 मिलीमीटर के पाइप को आगे की ओर दबायेगी। लगभग 10 मी का रास्ता तय करना है। मुंबई के सीवर में काम करने वाले श्रमिकों की भी मदद ली जा रही है जो मलबा हटाकर अंदर के लिए रास्ता बनाएंगे। सुरंग में फंसी ऑगर मशीन को टुकड़ों में काट-काटकर बाहर निकाला जा रहा है। नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन अब 8.9 मीटर बची है और उसे निकालने के लिए काम तेजी से चल रहा है। इसके बाद मैन्युअली एस्केप टनल बनाने का काम चलेगा।