आरआईएमसी बना नेतृत्व की नर्सरी: हरियाणा से सात छात्र पहुंचे अंतिम साक्षात्कार दौर

चंडीगढ़। देश के लिए सैन्य नेतृत्व तैयार करने वाला राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय, देहरादून एक बार फिर सुर्खियों में है। भारतीय सेना के लिए उच्चस्तरीय अधिकारी तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित यह संस्थान स्वतंत्रता के बाद से ही “नेतृत्व की नर्सरी” के रूप में जाना जाता है। आरआईएमसी अब तक राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (खड़कवासला), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (चेन्नई) और भारतीय सैन्य अकादमी (देहरादून) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को हजारों कैडेट उपलब्ध करा चुका है। जनवरी 2026 से शुरू होने वाले सत्र के लिए आरआईएमसी की लिखित परीक्षा 1 जून, 2025 को आयोजित हुई थी। इसके बाद 21 अगस्त, 2025 को सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग, हरियाणा, पंचकूला में मौखिक परीक्षा (साक्षात्कार) आयोजित की गई। इस प्रक्रिया की अध्यक्षता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेन्द्र कुमार ने की। उन्होंने बताया कि आरआईएमसी में प्रवेश के लिए 11 से 18 वर्ष आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं का चयन अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। सफल उम्मीदवारों को न केवल पब्लिक स्कूल स्तर की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है बल्कि उनमें सैन्य नेतृत्व और अनुशासन की भावना भी विकसित की जाती है। हरियाणा राज्य से लिखित परीक्षा पास करने वाले कुल 07 छात्र 21 अगस्त को आयोजित साक्षात्कार में शामिल हुए। चयन बोर्ड ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर अपनी अनुशंसा आरआईएमसी, देहरादून के कमांडेंट को भेज दी है। अंतिम परिणाम महाविद्यालय द्वारा जारी किए जाएंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि आरआईएमसी में प्रवेश केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि यह छात्रों को देश की सेवा के लिए कैरियर निर्माण का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। यहां से निकलने वाले कैडेट न केवल भारतीय सेना में बल्कि अन्य अर्धसैनिक बलों और प्रशासनिक सेवाओं में भी नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं। आरआईएमसी एक आवासीय संस्थान है, जहां छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ सैन्य अनुशासन, खेलकूद, शारीरिक प्रशिक्षण और नेतृत्व कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है। यहां की शिक्षा और प्रशिक्षण उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और अन्य सैन्य संस्थानों के लिए तैयार करते हैं। हरियाणा से चयनित सात छात्रों का साक्षात्कार तक पहुंचना राज्य के लिए गौरव की बात है। अब सबकी निगाहें आरआईएमसी, देहरादून द्वारा घोषित किए जाने वाले अंतिम परिणाम पर टिकी हैं। उम्मीद है कि इनमें से कुछ छात्र देश के भविष्य के सैन्य नेतृत्व का हिस्सा बनेंगे और हरियाणा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेंगे।