पुंछ में 18 दहशतगर्दों और मददगारों के घर-ठिकानों पर छापा! इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त

Raids on the houses and hideouts of 18 terrorists and their helpers in Poonch! Electronic equipment and documents seized

जम्मू-कश्मीर पुलिस व सेना ने पुंछ जिले में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रविवार को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। पुलिस की कई टीमों ने सेना व एसओजी की मदद से जिले में 18 आतंकी आकाओं व आतंकी मददगारों के घरों पर छापे मारे। इस कार्रवाई में कई घरों की तलाशी लेने के दाैरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस के अनुसार ये स्थानीय आतंकी हैंडलर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बैठकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। जिले में नियंत्रण रेखा से सटी मंडी तहसील के सावजियां सेक्टर व छंबर किनारी क्षेत्र में एएसपी मोहन शर्मा की अगुवाई में पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सेना ने तलाशी अभियान चलाया। क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के उस पार बैठे स्थानीय आतंकियों और मददगारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों व ठिकानों को खंगाला गया। हालांकि,इस ऑपरेशन के दौरान किसी को गिरफ्तार करने की सूचना नहीं है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सरकार की आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ शुरू की गई जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। हालांकि, जिन आतंकवादियों और आतंकी मददगारों के घरों को खंगाला गया है, उनके सुरक्षा एजेंसियों ने नाम उजागर नहीं किए हैं।

सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां आने वाले दिनों में नियंत्रण रेखा के उस पार बैठकर पुंछ जिले और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकती हैं। इससे पहले भी जिले में दो आतंकियों की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है, जो नियंत्रण रेखा के उस पार से आतंकी गतिविधियों को चला रहे हैं। इससे पहले शनिवार को राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कश्मीर घाटी में बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 स्लीपर सेल के घरों को खंगाला था। इस दाैरान कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को ही 13 आतंकी मददगारों को गिरफ्तार किया था। आतंकियों पर कार्रवाई के बाद अब इनके लिए काम करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। आतंकवाद के सबसे बड़े समर्थक ओजीडब्ल्यू का नेटवर्क ध्वस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। थानास्तर पर इनके रिकाॅर्ड फिर से अपडेट किए जा रहे हैं। खुफिया एजेंसियां उन लोगों की भी जानकारी जुटा रही हैं, जिनके रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं। पुलिस आत्मसमर्पण कर चुके आतंकियों पर भी नजर रख रही है। वहीं, जो लोग पाकिस्तान भेजे गए हैं, उनके संपर्क में रहने वाले तमाम लोग भी पुलिस के रडार पर हैं।

सूत्रों का कहना है कि कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामुला और जम्मू संभाग के राजोरी, पुंछ, रियासी, डोडा, कठुआ, उधमपुर जिलों में पुलिस नए सिरे से ओजीडब्ल्यू का रिकाॅर्ड बना रही है। इनकी तमाम गतिविधियां देखी जा रही हैं। इनके संपर्क में रहने वाले लोग भी रडार पर हैं। इनके सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं। इन अकाउंट के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि बीते कुछ समय में भारत विरोधी किस तरह की गतिविधियां चलाई जा रही हैं। एसआईए के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि ओजीडब्ल्यू का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही इस दिशा में परिणाम दिखेंगे, जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि जम्मू की कोट भलवाल, श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद आतंकियों की कुंडली भी खंगाली जा रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राज्य जांच एजेंसी (एसआईए), पुलिस की सीआईडी विंग मिलकर इन आतंकियाें का रिकाॅर्ड टटोल रही हैं। देखा जा रहा है कि जेल में इनका किन-किन लोगों से संपर्क ज्यादा है। बीते दो वर्ष में इनसे कौन-कौन लोग मिलने आए हैं, क्योंकि जांच एजेंसियों को शक है कि जेल में बंद इन आतंकियों की ओर से ही बड़े स्तर पर ओजीडब्ल्यू वर्कर तैयार हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियां सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों पर पूरी नजर रख रहे हैं। जिस तरह से हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए जासूसी करती पकड़ी गई है, उसके बाद प्रदेश की पुलिस भी सतर्क हो गई है। पुलिस कड़ी निगरानी से सोशल मीडिया हैंडल खंगाल रही है, ताकि पता चल सके कि कौन-कौन से लोग की गतिविधियां संदिग्ध हैं।