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वृक्ष माता के नाम से प्रसिद्ध 111 वर्षीय पद्मश्री सालूमरदा थिमक्का बनी इको एम्बेसडर!

Padmashree Salumarada Thimmakka, popularly known as Vriksha Mata, became the Eco Ambassador!

वृक्ष माता के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री सालूमरदा थिमक्का को कर्नाटक सरकार ने इको एम्बेसडर के रूप में नियुक्त करते हुए उन्हें पुरुस्कृत भी किया। 
कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई ने इसकी घोषणा 30 जून को ही कर दी थी।  सालूमरदा थिमक्का के 111 वें जन्मदिन पर बेंगलुरु के अंबेडकर भवन में आयोजित सालूमरदा थिमक्का के जन्मदिन पर उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा देने के लिए सीएम ने ये घोषणा की थी,जिस पर अब आदेश जारी कर दिए है।
सीएम ने 30 जून को जब घोषणा की थी तब उन्होंने कहा था कि पर्यावरण संरक्षण में सालूमरदा थिमक्का के योगदान और पर्यावरण संरक्षण कार्य को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए सालूमरदा थिमक्का को राज्य मंत्री का दर्जा देने के साथ इको एम्बेसडर का विशेष खिताब दिया जाएगा। इस दौरान सालूमरदा थिमक्का को हरियाली पुरुस्कार प्रस्तुति समारोह में कई पुरस्कार भी प्रदान किये गए थे। इससे पहले सालूमरदा थिमक्का को कर्नाटक सरकार ने बीडीए द्वारा केम्पेगौडा क्षेत्र में एक भूखंड भी सौंपा गया था।

आपको बता दें कि सालूमरदा थिमक्का कर्नाटक की रहने वाली हैं. वह पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. थिमक्का ने बरगद के 400 पेड़ों समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’की उपाधि मिली है. उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रकृति के प्रति उनका लगाव देखते हुए थिमक्‍का का नाम 'सालूमरादा' रख दिया गया. अभी उनकी उम्र 111 साल है.
थिमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. उन्हें शादी के काफी समय बाद भी उन्‍हें बच्‍चा नहीं हुआ. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया. इसके बाद थिमक्का ने पीछे मुढ़ कर नहीं देखा और 8000 से ज्यादा पेड़ लगा दिए. उनके इस कार्य के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिल चुकें.