नैनीतालः कौतिक फिल्म फेस्टिवल! देशभर के फिल्मकारों ने की शिरकत, 70 से अधिक देशों ने महोत्सव के लिए भेजी अपनी फिल्में

नैनीताल। कौतिक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के यादगार महोत्सव का आयोजन कुमायूं विश्वविद्यालय द्वारा हरमिटेज भवन में किया गया। 3 दिवसीय आठवां कौतिक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आज विधिवत समापन हो गया। जिसमें देशभर के फिल्मकारों का जमावड़ा लग रहा। कौतिक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य युवाओं में फिल्मों के प्रति रूझान के साथ-साथ युवाओं को फिल्म मेकिंग के जरिए रोजगार मुहैया करना है। आने वाले देश के भावी फिल्म जगत के कैमरामैन डायरेक्टर एवं टेक्नीशियन का नैनीताल में आयोजित हो रही काैतिक स्टूडेंट फिल्म फेस्टिवल में ताता लगा रहा। कुमाऊं विश्वविद्यालय की एक अनोखी पहल है ऐसे फिल्म फेस्टिवल कहीं ना कहीं युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं, क्योंकि फिल्म फेस्टिवल से छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने के साथ-साथ कई नई टेक्निक की जानकारी का भी आदान-प्रदान करने का अच्छा माध्यम है। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देश भर की 600 फिल्मों में से चुनी हुई 36 फिल्में प्रदर्शित की गईं। जबकि 70 से अधिक देशों ने इस महोत्सव के लिए अपनी फिल्में भेजी हैं। उत्तराखंड की तीन फिल्में ‘आई नो टोमेटो हम’, ‘बहादुर द ब्रेव’ और ‘फूलदेही’ दिखाई गई। इस दौरान तुसि आयुषी, शास्वत श्रीवास्तव, मार्कोज, भरत परिहार, संतोष, अनमोल जोशी, अक्षय बंगारी, प्रशांत राज, मनोज चौनियाल, कबीर शुक्ला, चंदन बिष्ट, नमृता, सुधीर चौधरी, अंशुल अग्रवाल, सुमन भट्ट, विनीता, देवांश पांडे आदि रहे।
नामी हस्तियों ने साझा किए अनुभव
नैनीताल में चल रहे कौतिक फिल्म फेस्टिवल में देश की कई फिल्म इंस्टिट्यूट के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। फिल्म के प्रदर्शन के बाद दिखाई गई फिल्म की चर्चा की जा रही है चाहे व आर्ट से संबंधित हो या फिर कैमरे से। फेस्टिवल में कई नामी हस्ती ने भी शिरकत की, जिन्होंने उनके द्वारा किए गए कार्य व अनुभव को साझा किया और कई शंकाओं का समाधान भी किया। एफटीआई पुणे से पास आउट साउंड इजीनियर मानस चौधरी ने फिल्म फेस्टिवल के दौरान अपने द्वारा किए गए कार्यों को साझा किया और एक फिल्म में साउंड की अहमियत के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया।