नैनीताल ब्रेकिंगः दो मंजिला पार्किंग निर्माण पर हाईकोर्ट की रोक! सरकार से मांगा जवाब, यातायात व्यवस्था को लेकर दिया बड़ा आदेश

Nainital Breaking: High Court stays construction of two-storey parking! Asked for answer from the government, gave a big order regarding traffic system

नैनीताल।

सरोवर नगरी नैनीताल में यातायात व्यवस्थाओं और पार्किंग के मामले पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए चर्चित अशोक पार्किंग में दोमंजिला  पार्किंग निर्माण पर फिलहाल अग्रिम तिथि तक रोक लगा दी है साथ ही कोर्ट ने पूर्व की अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया याचिका को खोलते हुए कई सवाल भी उठाए हैं। प्रो अजय रावत की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि झील के आसपास ऐसी बड़ी पार्किंग का निर्माण नहीं हो सकता बावजूद इसके यहां निर्माण हो रहा है। फिलहाल कोर्ट ने अशोका पार्किंग में हो रहे पार्किंग के निर्माण कार्य को अगली तारीख तक रोकते हुए सरकार से जवाब मांगा है।

पीआईएल में नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल तल्लीताल और प्रांतीय उध्योग व्यापार मंडल मल्लीताल को भी पार्टी बनाया गया है। नगर पालिका के अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने बताया कि अशोक पार्किंग में अभी 90 गाड़ियां खड़ी होती थी और अब वहां 5.26 करोड़ की लागत से दो मंजिला कॉन्क्रीट पार्किंग बनाई जा रही है। इसके बाद वहां 110 गाड़ियां पार्क हो सकेंगी,केवल 20 गाड़ियों के लिए इतना रुपया खर्च हो रहा है।

इस पर न्यायालय ने पूछा कि सरकार पालिका की जमीन पर कैसे निर्माण कर रही है? तो सीएससी ने कहा कि उन्होंने केवल रुपया और एजेंसी उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि सेनेटोरियम में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया जा सकता है। मेडिकल व्यवस्था ठीक करने के लिए भवाली के सेनेटोरियम में 45 एकड़ भूमि है, जिसके लिए इस न्यायालय से एक आदेश जारी हुआ था। न्यायालय ने कहा कि पहले ट्रैफिक की समस्या को ठीक कर लें, फिर इसे देखेंगे।

वहीं यातायात व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने एसएसपी नैनीताल को कहा है कि सड़कों के किनारे खड़े वाहनों को तत्काल हटाएं और हटाने में जो खर्चा आयेगा और पार्किंग शुल्क वाहन स्वामी से ही जुर्माने के तौर पर लें। नैनीताल कैंचीधाम भीमताल में जाम से बचाव के लिये कोर्ट ने एचएमटी रानीबाग की जमीन पर पार्किंग निर्माण कर वहां से शटल सेवा से ही पर्यटकों को भेजने के प्लान तैयार कर कोर्ट में देने के निर्देश दिये हैं। सुनवाई के दौरान आईआईएम काशीपुर के निदेशक ने कई सुझाव कोर्ट को दिये, लेकिन कोर्ट ने 21 अप्रैल को अन्य विभागों की पूरी लिस्ट के साथ कोर्ट में पेश होकर प्लान बताने के निर्देश दिये हैं।