क्या है CHAT-GPT? CHAT-GPT क्या गूगल और नौकरियों का Killer है? क्या गूगल चुप बैठ गया? गूगल का BARD क्या है?CHAT-GPT पर क्यों लगे हिंदू धर्म विरोधी के आरोप?
इंटरनेट की दुनिया मे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को टेक्नोलॉजी का भविष्य माना जा रहा है। अगर आप भी टेक्नोलॉजी के शौकीन है तो इनदिनों खासी चर्चा बटोर रहे Chat-GPT और Bard के बारे में आपने ज़रूर सुना होगा।अगर नही सुना तो हम आपको बताते है इन दोनों ही टूल्स के बारे में और ये भी बताएंगे कि CHAT-GPT आखिर लांच होने के बाद से ही विवादों में क्यो घिरा है।
चैट जीपीटी CHAT-GPT एक डीप मशीन लर्निंग बॉट है जो गूगल की ही तरह आपके हर सवाल का जवाब देती है। इस को लेकर दुनियाभर में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है कि भविष्य में ये गूगल सर्च इंजन को खत्म कर देगी।
दो महीने पहले ही CHAT-GPT को लांच किया गया था लॉन्चिंग डे से ही इसको लेकर लोगो में ज़बरदस्त क्रेज देखने को मिला। लॉन्चिंग के कुछ ही दिनों में CHAT-GPT के 10 लाख से ज़्यादा यूजर हो गए थे। कई लेखकों ने इसकी मदद से पूरी किताब ही लिख डाली,कई टेक्निकल शौकीनों ने इसकी मदद से वेबसाइट कोडिंग सीखी और कई लोग कार्टून बनाने में महारथ हासिल कर रहे है। AI आधारित इस नई टेक्नोलॉजी ने ये सब कुछ ही घँटों में कर डाला।दिग्गज कम्पनियां भी अब AI में ही अपना भविष्य देख रही है। CHAT-GPT इंसानों की तरह जवाब देता है इसीलिए ये पसन्द भी किया जा रहा है। ये लोगो को स्क्रिप्ट ,कहानियां,कविताएं, कंटेंट राइटिंग इत्यादि लिखने में मदद कर रहा है।
Chat-GPT को लेकर कहा जा रहा है कि ये नौकरियों पर एक बड़ा खतरा बनेगा। टेक्नोलॉजी से अगर नई जॉब मिलती है तो पुरानी जॉब्स पर खतरा बनता ही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक AI आने वाले समय मे 47 फीसदी नौकरियां छीन लेगा। इन छीन जाने वाली नौकरियों में खासतौर पर वो नौकरियां होंगी जिनमे इंसानी सुपरविजन रहा है।
आज टेक्नोलॉजी के दौर में प्रोग्रामिंग और कोडिंग सबसे ज्यादा हाई डिमांडेड जॉब्स है,लेकिन AI के ज़रिए ये जॉब्स भी अब इंसानों से छीन जाएगी। चैट जीपीटी ने इसकी शुरुआत कर भी दी है। महज कुछ घँटों में सब कुछ तैयार हो रहा है।इंसानों से बात करने से लेकर कोडिंग जेनरेटर करने लगा है ऐसे में भविष्य में किसी कंपनी को बड़ी टीम की ज़रूरत ही नही पड़ेगी।
टीचिंग लाइन हो या वकालत हर क्षेत्र में चैट जीपीटी अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये टूल कंप्यूटर कोड बना सकेगा और इस टूल को वकीलों और टीचरों आदि के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
आइये अब जानते है कि चैट जीपीटी Chat-GPT लांच होते ही विवादों में क्यों घिर गया?
दरअसल Chat-GPT को इस तरह प्रोग्राम किया गया है कि ये हिंदू धर्म पर पूछे गए सवालों को अपमानजनक तरीके से जवाब देता है जबकि किसी और धर्म पर अगर वही सवाल पूछा जा रहा है तो ये जवाब देता है कि मैं इस तरह धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए प्रोग्राम नही किया गया हूँ।
Chat-GPT पर श्री कृष्ण, श्री राम, हनुमान इत्यादि देवताओं पर जब जोक बताने को कहा गया तो Chat-GPT ने जवाब में जोक बताए लेकिन जबChat-GPT से किसी और धर्म पर जोक बताने को कहा गया तो Chat-GPT ने मना कर दिया,और माफी मांगते हुए कहा ये सवाल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।यानी Chat-GPT कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें हिंदू धर्म पर मजाक की अनुमति है और बाकी धर्मो पर ये आहत हो जाता है।
चैट जीपीटी के धार्मिक भावना आहत करने पर क्या कानूनी विकल्प हैं, चैट जीपीटी एक प्रोग्राम है, प्रोग्राम के खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे होगी? कानूनी जानकारों की मानें, चूंकि किसी भी धार्मिक भावना को आहत करने के लिए मशीन या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. ऐसे में इसे बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. यही नहीं, इस प्रोग्राम को प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।
Chat-GPT को गूगल किलर कहा जा रहा है ऐसे में क्या गूगल चुप बैठेगा?
ChatGPT के मुकाबले में गूगल भी अपना एआई टूल बार्ड ( Bard ) लेकर आया है। इसे फिलहाल टेस्टिंग के लिए जारी किया गया है ,सार्वजनिक तौर पर यह कुछ दिनों बाद रिलीज होगा. अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इसकी जानकारी दी है।
गूगल का यह चैटबॉट माइक्रोसॉफ्ट के चैटजीपटी ( ChatGPT ) से मुकाबला करने के लिए बनाया गया है . गूगल अपने एआई टूल बार्ड पर पिछले 6 सालों से काम कर रहा था . अब कंपनी इस टूल को जल्द ही ऑफिशियली लॉन्च करने वाली है . बार्ड भी एक एआई टूल है , जिसे गूगल ने लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग एप्लीकेशन ( LaMDA ) से तैयार किया है . सुंदर पिचाई ने बताया है कि यह भी चैट जीपीटी की तरह सवालों के जवाब देगा . यहां आपको वह जानकारी मिलेगी जो इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसका मतलब यह कि इंटरनेट पर जो भी ताजा जानकारी आ रही है ,यह टूल उसके अनुसार आपके सवालों का जवाब देगा। Chat-GPT की अभी अपनी एक सीमा है, गूगल को टक्कर देने वाला ये टूल फिलहाल रियल टाइम की तरह जवाब देने में सक्षम नहीं है, गूगल में हम कुछ भी सर्च करते हैं तो सर्च इंजन आपके सामने लेटेस्ट जानकारी लाकर रख देता है,इतना ही नही गूगल दस तरह के रिजल्ट आपको निकाल कर देता है लेकिन चैट जीपीटी केवल एक ही जवाब देता है, इस में फिलहाल 2021 तक की ही जानकारी मौजूद है।
गूगल का एआई टूल फिलहाल लाइव नहीं है इसलिए इस बारे ज्यादा जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है . यह टूल अभी टेस्टिंग फेज में है , एक बार जब यह आम यूजर्स के लिए लाइव हो जाए , तो बेहतर तरीके से दोनों के बीच अंतर समझा जा सकेगा . आसान भाषा में कहें , तो चैट जीपीटी फीडेड डेटा के अनसार यजर के सवालों के जवाब देता है, जबकि बार्ड इंटरनेट पर मौजूद लेटेस्ट इनफॉर्मेशन के आधार पर जवाब तैयार करके देता है .