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फिल्मी अंदाज में उद्यमी के घर इनकम टैक्स विभाग का छापा! लगातार 48 घंटे चली कार्यवाही

Income Tax Department raids entrepreneur's house in filmy style! Proceedings continued for 48 hours continuously

हरिद्वार की पॉश कॉलोनी में रहने वाले उद्यमी विकास गर्ग के घर लगातार 48 घंटे तक इनकम टैक्स विभाग की टीम जांच करती रही और बाहर किसी को भनक तक नहीं लगी। पुलिसकर्मी टीम के साथ पूरा समय वहां डटे रहे जब तक जांच पूरी नहीं हो गई। उद्यमी के परिवार समेत जो भी सदस्य घर में थे उन्हें बाहर नहीं आने दिया गया और जो बाहर थे उन्हें भीतर नहीं जाने दिया गया। पूरी कार्रवाई फिल्म ‘रेड’ की तर्ज पर गुपचुप तरीके से की गई। केमिकल फैक्टरी के मालिक विकास गर्ग के यहां बुधवार सुबह ही इनकम टैक्स की टीम पहुंच गई थी। 

इसकी कानोंकान किसी को खबर नहीं हुई। पूरा दिन टीम की जांच उनके पॉश कॉलोनी में स्थित मकान में चलती रही। रातभर को भी जांच जारी रही। टीम के वाहन और उसके चालक बाहर से ही निगरानी कर अंदर तक सूचना देते रहे। पुलिस बल भी पूरी तरह अंदर ही अंदर इनकम टैक्स विभाग के अफसरों की मदद करता रहा। बताया गया कि इस टीम को देहरादून में बैठे अपर निदेशक टीएस मकवाल निर्देशित कर रहे थे। उप निदेशक रितेश भट्ट के साथ बलवीर सिंह चौहान राजेश पटवाल ने तीनों टीमों का नेतृत्व किया। दो टीम घर के अंदर खंगाल रही थी वहीं तीसरी टीम उद्यमी की बहादराबाद स्थित फैक्टरी में थी। पूरी कार्रवाई के दौरान टीम उद्यमी व उनकी पत्नी को लेकर चंद्राचार्य चौक स्थित बैंक की शाखा में भी गई। वहां पर लॉकर आदि की जांच कर उसका भी मूल्यांकन किया गया। इनकम टैक्स विभाग की टीम ने उद्यमी विकास गर्ग के घर और मकान तो खंगाले ही उनकी कई अन्य राज्यों में माैजूद फैक्टरियों में भी छापा मारा। अधिकारियों को लेकर उद्यमी के पॉश कॉलोनी खन्ना नगर में पहुंची टीम के कुछ सदस्यों का कहना था कि कानपुर और उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य स्थानों पर भी जांच चल रही है। उद्यमी के घर और फैक्टरी को खंगालने पहुंची इनकम टैक्स की टीम की सख्ती इस कदर दिखी कि सिक्योरिटी गार्ड को बीड़ी पीने के लिए अनुमति मांगनी पड़ रही थी। वहीं सुरक्षा के लिए तैनात कुछ पुलिस बल के जवान आसपास होटल की जानकारी स्थानीय लोगों से कर रहे थे। बता दें कि सिक्योरिटी गार्ड बीड़ी लेकर निकला तो वह अपने आप को कोस रहा था। उसका कहना था कि शिफ्ट में उसकी ड्यूटी रहती है लेकिन जब से टीम घर में घुसी उसे बाहर नहीं जाने दिया गया। वहीं दूसरे गार्ड को बाहर से लौटा दिया गया। इसी तरह एक अधेड़ उम्र के उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल आसपास के मकानों से निकलने वालों से होटल का पता पूछ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि पूरी रात उन्हें बिना भोजन के ही रहना पड़ा।