गूगल पे-फोन पे और पेटीएम यूजर्स के लिए जरुरी खबर

अगर आप भी गूगल-पे, फोन पे, पेटीएम यूजर्स हैं तो ध्यान दें। अब 1 अगस्त से यूपीआई के नियम में कुछ बदलाव होने जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई के उपयोग को लेकर 1 अगस्त 2025 से कुछ नए नियम लागू करने का निर्णय लिया है। ये बदलाव यूपीआई ट्रांजैक्शन की विश्वसनीयता और सिस्टम पर लोड को कम करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
गूगल पे,फोन पे और पेटीएम जैसे ऐप्स के यूजर्स अब यूपीआई के ज़रिए बार-बार बैलेंस चेक नहीं कर सकेंगे। एनपीसीआई के नए निर्देशों के अनुसार एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा। मोबाइल नंबर से जुड़े खातों की संख्या केवल 25 बार ही जांची जा सकेगी। इसका सीधा असर उन यूजर्स पर पड़ेगा जो दिन में बार-बार बैलेंस देखने की आदत में हैं। इससे यूपीआई सर्वर पर लोड कम होगा और तकनीकी दिक्कतों से बचा जा सकेगा। भारत में हर महीने लगभग 16 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। ऐसे में एनपीसीआई को सिस्टम पर भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में 12 अप्रैल 2025 को पांच घंटे तक यूपीआई सिस्टम डाउन रहा था,जिससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए थे। इस दौरान लोगों को डिजिटल पेमेंट न कर पाने की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव सिस्टम को अधिक स्थिर और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। अगर आपने किसी भी यूपीआई ऐप में ऑटो डेबिट या ऑटो पेमेंट सेट किया हुआ है, तो उसमें भी नई सीमाएं और नियंत्रण लागू किए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी सर्विस बिना उपयोगकर्ता की अनुमति के बार-बार ट्रांजैक्शन न करे।
क्यों किए जा रहे हैं ये बदलाव?
तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए
सर्वर लोड को कम करने के लिए
गलत इस्तेमाल से बचने के लिए
सर्विस आउटेज से निपटने के लिए
एनपीसीआई ने सभी बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 जुलाई तक इन बदलावों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। यदि आप गूगल पे, फोन पे या पेटीएम जैसे ऐप्स से रोज़ाना ट्रांजैक्शन करते हैं, तो इन नए नियमों के बारे में जानना और उन्हें अपनाना जरूरी है। यूपीआई के बढ़ते उपयोग के साथ इसकी स्थिरता बनाए रखना सभी यूजर्स की जिम्मेदारी है।