फिर सुर्खियों में आए ‘IIT बाबा’! तो क्या डिबेट शो के दौरान हुई मारपीट, सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस

 'IIT Baba' is in the news again! So did a fight happen during a debate show, a big debate started on social media

नई दिल्ली। महाकुंभ से चर्चाओं में आए ‘आईआईटी बाबा’ उर्फ अभय सिंह एक बार फिर खासे सुर्खियों में हैं। इस बार उनके सुर्खियों का कारण डिबेट शो से जुड़ा है। दरअसल आईआईटी बाबा शुक्रवार को नोएडा में एक निजी समाचार चैनल के डिबेट शो में पहुंचे थे, तभी वहां हंगामा हो गया। बाबा का आरोप है कि न्यूजरूम के भीतर भगवा वस्त्रधारी कुछ लोग घुसे और लाठियों से उनकी पिटाई कर दी। घटना के बाद ‘आईआईटी बाबा’ ने पुलिस से शिकायत की और न्याय की गुहार लगाई। वह नोएडा के सेक्टर 126 स्थित पुलिस चौकी के बाहर धरने पर बैठ गए, जिससे मामला और तूल पकड़ने लगा। हालांकि बाद में पुलिस के समझाने पर उन्होंने धरना समाप्त कर दिया। फिलहाल इस घटना को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है, लेकिन पुलिस का कहना है कि बाबा आश्वस्त हो गए हैं और उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं करवाई। इस बीच सोशल मीडिया पर भी यह मामला गरमाया हुआ है, जहां लोग इस हमले की निंदा कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

प्रयागराज महाकुंभ में काफी चर्चित रहे बाबा

IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का दावा करने वाले अभय सिंह प्रयागराज महाकुंभ में काफी चर्चा में रहे थे। वहां उन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता था। उनका कहना है कि उन्होंने आध्यात्म का मार्ग चुनकर अपनी जिंदगी को शांति की ओर मोड़ लिया। सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और उन्होंने कई धार्मिक आयोजनों में भाग लिया। हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर खुद को IIT बॉम्बे का पूर्व छात्र बताते हैं। उन्होंने विभिन्न मीडिया इंटरव्यू में भी यही दावा किया है कि वे एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। हालांकि, कई संतों ने उन्हें संन्यासी मानने से इनकार किया है और आरोप लगाया कि उनका रहन-सहन पारंपरिक आध्यात्मिक जीवनशैली से मेल नहीं खाता। मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में ‘IIT बाबा’ ने कहा था कि उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद कैंपस प्लेसमेंट में भाग लिया था, जहां उन्हें लाखों रुपये के पैकेज की नौकरी मिली थी। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर संन्यास का रास्ता अपना लिया। इसके बाद वे आध्यात्मिक प्रवचन देने लगे और खुद को भविष्यवक्ता बताने लगे। हालांकि, महाकुंभ में उनकी कई भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं, जिससे वे विवादों में भी घिर गए।