अफसर हो तो ऐसाः IAS अधिकारी का सख्त एक्शन! भ्रष्ट बाबू को बना दिया चपरासी, फैसले से सरकारी महकमों में मचा हड़कंप

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसी कार्रवाई की है, जिसकी चर्चा अब हर तरफ हो रही है। जिला कलेक्टर के इस एक्शन के बाद जहां सरकारी महकमों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम बता रहे हैं। कलेक्टर भव्या मित्तल के मुताबिक जनसुनवाई के दौरान सुभाष काकडे पर आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती के लिए रिश्वत मांगने का आरोप सामने आया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जुलाई 2024 में काकडे को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई। काकडे महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालय खकनार में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ थे। जांच अधिकारी, अपर कलेक्टर और परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सुनवाई में पर्याप्त अवसर देने के बावजूद सुभाष काकडे अपना संतोषजनक स्पष्टीकरण पेश करने में असमर्थ रहे। जांच में यह प्रमाणित हुआ कि काकडे ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 13 और 14 का उल्लंघन किया, जो पद के दुरुपयोग और वित्तीय लाभ की श्रेणी में आता है। कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई करते हुए सुभाष काकडे को नेपानगर के रिक्त भृत्य पद पर स्थानांतरित कर दिया। साथ ही उनके निलंबन को समाप्त करते हुए निलंबन अवधि को ‘अकार्य दिवस’ घोषित कर दिया। जिला अधिकारी की ओर से कहा गया कि यह कार्रवाई प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर संदेश देने का प्रयास है। कलेक्टर के इस फैसले का जहां आम लोग स्वागत कर रहे हैं तो वहीं सरकारी मुलाज़िमों में खलबली मची हुई है।