उफान पर गंगाः बाढ़ में डूबा मणिकर्णिका घाट! छत पर हो रहा अंतिम संस्कार, मंदिर और शवदाह पूरी तरह से जलमग्न

वाराणसी। लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। वाराणसी की बात करें तो यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रही है। इस बीच बढ़ते जलस्तर का असर दिखना शुरू हो गया है। अब तक सिर्फ गंगा किनारे पक्के घाटों का संपर्क टूटा था, तट पर बने छोटे-बड़े मंदिर जलमग्न हुए थे, आरती स्थल की जगह बदली गई थी लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि महाश्मशान मणिकर्णिका घाट में शव दाह का स्थान तक बदलना पड़ा है। क्योंकि गंगा का पानी घाट के ऊपर तक आ गया है।
गौरतलब हो कि मणिकर्णिका घाट पर यूपी ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी लोग शवदाह के लिए आते हैं। लेकिन बाढ़ की विभीषिका ने सभी पक्के घाटों के साथ ही अब महाश्मशान मणिकर्णिका घाट को भी डुबो दिया है। आलम यह है कि अब ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए बनाई गई छत या जिसे बड़ा प्लेटफार्म कहते है वहां शवदाह शुरू किया गया है। लेकिन जगह कम हो जाने और भीड़ बढ़ने की वजह से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
ऐसी मान्यता है कि काशी के मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार करने से मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के साथ दुनिया भर से सनातनी यहां आते हैं। लेकिन मोक्ष के इस रास्ते में पतित पावनी मां गंगा अवरोध पैदा करने लगी है और मोक्ष मार्ग को मुश्किल बना दिया है। बाढ़ के पानी में महाश्मशान मणिकर्णिका घाट, बाबा महाश्मशान नाथ का मंदिर और शवदाह स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। जगह की कमी हो चुकी है, जिसकी वजह से ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए बनाए गए छत या यूं कहे ऊंचे प्लेटफार्म पर शवदाह करना मजबूरी हो गई है। इसका खामियाजा शवयात्रियों को उठाना पड़ रहा है।