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चमोली हादसे में यूपीसीएल और एसटीपी दोनों के स्तर पर मिलीं खामियां! जांच पूरी होने के बाद खुलेंगे कई और राज 

Flaws found at both UPCL and STP level in Chamoli accident! Many more secrets will be revealed after the completion of the investigation.

चमोली हादसे के बाद विद्युत सुरक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने पहले दिन जांच के बाद प्रथम दृष्टया यूपीसीएल और एसटीपी दोनों के स्तर पर कुछ खामियां पाई हैं। हालांकि पूरी जांच होने के बाद तस्वीर साफ हो पाएगी।यूपीसीएल जहां भी बिजली आपूर्ति को ट्रांसफार्मर लगाता है, वहां हाई वोल्टेज या फॉल्ट होने पर इलेक्ट्रिक शॉक से बचाने के लिए अर्थिंग करता है।

नमामि गंगे परियोजना के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के दूसरे दिन प्लांट में अर्थिंग को लेकर सवाल उठे।  यह हादसे की बड़ी वजह हो सकता है।  चमोली के इस प्लांट में भी यूपीसीएल ने अर्थिंग की हुई है। इसी अर्थिंग पर सवाल उठ रहे हैं। बृहस्पतिवार को प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे रुड़की के सहायक विद्युत निरीक्षक सुनील कुमार मिश्रा ने बताया कि यूपीसीएल की अर्थिंग काम कर रही थी या नहीं, इसकी शुक्रवार को मशीनों से जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यूपीसीएल और प्लांट दोनों के स्तर से कुछ खामियां जांच के दौरान नजर आईं हैं। बताया कि करंट फैलने की मुख्य वजह हाई वोल्टेज या शॉर्ट सर्किट दोनों में से कुछ भी हो सकती है। इसकी जांच शुक्रवार को मशीनों से होने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि हाई वोल्टेज की बात तकनीकी तौर पर सही नहीं है। चमोली में एसटीपी को जिस 11 केवी लाइन से आपूर्ति दी जा रही है, उसका हादसे से पहली रात प्लांट ऑपरेटर गणेश की मृत्यु के दौरान जंपर उड़ गया था। तीन में से दो फेज में आपूर्ति हो रही थी। इसकी सूचना बिजली विभाग को मिली तो उन्होंने फॉल्ट तलाश किया। पता चला कि प्लांट के पास जंपर उड़ा हुआ था, जिसकी वजह से प्लांट में आपूर्ति नहीं हो रही थीं। बिजली विभाग के लाइनमैन ने करीब 11 बजे लाइन का शटडाउन लिया और जंपर जोड़ा। करीब 11:25 पर लाइन चालू कर दी गई। जैसे ही लाइन चली तो प्लांट में बिजली आई और करंट दौड़ गया। करंट दौड़ने से हादसा हुआ, जिसमें 16 लोगों की मौत हुई।