दीपावली विशेषः रंगबिरंगी कैंडिलों से सजा नैनीताल! विदेशी पर्यटक भी हुए कायल, जानें क्या है खास?

नैनीताल। नैनीताल में कैंडिल व्यवसाय 1965 से चला आ रहा है, लेकिन 2010 से चायना की कैंडिल बाज़ार में आने से नैनीताल कैंडिल उद्योग थोड़ा फीका पड़ गया है। दीपावली के मद्देनजर इन दिनों मोमबत्ती के व्यवसाय से जुड़े व्यवसाइयों ने कई तरह की केंडिल बाज़ार में उतारी है। यूं तो देश-दुनियां से सरोवर नगरी पहुंचने वाले पर्यटकों के लिये यहां बहुत कुछ आकर्षण का केन्द्र बना रहता है, लेकिन एक चीज जो सैलानियों को सबसे अधिक पसंद आती है। वह है नैनीताल की अदभुद और आकर्षक कैंडल। खासतौर पर हाथों से तैयार की जाने वाली ये मोमबत्तियां बेहद आकर्षक और कलरफुल होती हैं। खास बात यह है कि आपको यहां मोमबत्तियां अगल-अलग और खूबसूरत आकारों में मिल जाएंगी, जिसमे फ्लोटिंग कैंडिल के अलावा अरोमा कैंडिल, सेंटेड केंडिल, टैडी कैंडिल, आइसक्रीम कैंडिल, बाल कैंडिलों के साथ कई तरह के गिफ्ट कैंडिलों से बाजार पटा हुआ है। विशेष तरह से तैयार दीपावली कैंडिल थाल कारीगारों द्वारा बनाई जा रही है। नैनीताल में बनी हैण्ड मेड कैंडिलों की डिमांड देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं, कैंडिल व्यवसाय से जुड़े व्यपारियों की माने तो चायना में मशीनों से बनी कैंडिलों के मुकाबले नैनीताल में बनी हैण्ड मेड कैंडिल लंबे समय तक अपने स्वरूप में टिकी रहती है, क्योंकि चायना का वैक्स हमारे यहां के वैक्स से ज्यादा लचीला है। इस कारण वो ज्यादा नही टिक पाता। यहां आने वाले पर्यटकों को यहां की हैण्ड मेड कैंडिल अपनी ओर आकर्षित करती हैं, नैनीताल में कारीगरों द्वारा बनाई जाने वाली इन कैंडिलों में किसी भी हानिकारक मोम या रंगों का प्रयोग नहीं किया जाता है, कैंडिल व्यवसाय से जुड़े व्यवसाइयों का कहना है अगर इसये जुड़े लोगों की सुविधाओं पर ध्यान दें तो यहां की कैंडिल चायना की कैंडिलों को पीछे छोड़ देंगी।