मंगलायतन विवि का दीक्षांत समारोह! उपाधि पाकर खूशी से झूम उठे विद्यार्थी, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने समझाया शिक्षा का महत्व

अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिरकत की और उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आज के युग में यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो व्यक्तियों और समाज को प्रगति की ओर ले जाता है। विद्यार्थियों को लगातार सीखने और अपने ज्ञान का उपयोग मानवता की सेवा में करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने गुरु को श्रद्धा का अधिकारी बताते हुए कहा कि दुनिया में सिर्फ माता-पिता व गुरु चाहते है उनका बच्चा उन्हें पीछे छोड़कर आगे निकले। श्रद्धा जितनी ज्यादा होगी उतना ही ज्ञान अर्जन में आसानी होगी। विद्या का एक उद्देश्य यह भी है कि हम सम्मान जनक जीवन बिता सकें और अर्थ पैदा कर सकें। जब अर्थ आएगा तो उससे धमार्थ के कार्य भी कर सकेंगे।
वहीं विशिष्ठ अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दीक्षांत समारोह के साथ नवजीवन में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि समाज व देश में मॉडल बनना पड़ेगा, लेकिन मेडल से मॉडल बनने की यात्रा कठिन है। जिन्हें मेडल नहीं मिले है उन्हें और संघर्ष करते हुए संकल्प लेना होगा कि कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है। अब आपको जीवन की नई शिक्षा ग्रहण करनी है। मात्र पढ़ने लिखने व कार्स करने का नाम शिक्षा नहीं है। मंगलायतन विश्वविद्यालय उत्कृष्ट शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों में उत्कृष्टता का प्रमाण है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलाधिपति अच्युतानंद मिश्र ने नया अध्याय शुरू कर रहे विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि नवाचार के माध्यम से उद्यमिता विकसित करने वाले बनें। जिससे देश को विकसित राष्ट्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज लोग ज्ञान केवल विषय तक सीमित नहीं रहता, मंगलायतन विश्वविद्यालय ने आपको वह शक्ति दी है जो तेजी से बदलती दुनिया में आपको सफल बनाने में मदद करेगी।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। 11वां दीक्षांत समारोह का यह ऐतिहासिक अवसर केवल एक उत्सव का दिन नहीं हैए बल्कि यहां मिलने वाली उपाधियां अथक परिश्रम, समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं। शिक्षा जीवन भर चलने वाली यात्रा है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों का घर रहेगा और जीवन आपको कहीं भी ले जाए हमेशा इस परिवार का अभिन्न हिस्सा रहेंगे।
विद्यार्थियों को मिली उपाधियां
अकादमिक उत्कृष्टता और उत्साह के माहौल में दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान कुल गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में चेयरमैन हेमंत गोयल व गुरु ऋषिराज महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। कुलपति प्रो.पीके दशोरा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शपथ दिलाई। इस गरिमामय समारोह में विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों को उनकी अकादमिक उपलब्धियों के लिए उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा धारक, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र धारक भी शामिल रहे। इसमें पीएचडी शोधार्थी भी शामिल हैं जो अनुसंधान ज्ञान के नए आयाम खोलेंगे। आठ को स्वर्ण पदक और नौ को रजत पदक मिले।
समारोह की स्मारिका का विमोचन
प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दिकी, प्रो. किशनपाल सिंह, प्रो. आरके शर्मा ने उपाधि धारकों को प्रस्तुत किया। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने दीक्षांत समारोह की स्मारिका का विमोचन किया। आयोजन कुलसचिव बिग्रेडियर समरवीर सिंह व संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा के नेतृत्व हुआ। इस अवसर पर एमएलसी ऋषिपाल सिंह, यूएमयू रांची की कुलपति प्रो. मधुलिका कौशिक, एएमयू के प्रति कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज, एमटीएसओयू के कुलपति प्रो. परवेज मसूद, एएमयू के प्रो. अब्दुला बुखारी सहित सभी विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष व छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे। संचालन डा. स्वाति अग्रवाल ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
स्वर्ण पदकः कीर्ति गौड़, नियाजी उज्मा, प्रज्ञा शर्मा, फुरकान कुरैशी, अतुल सिंह, मोनिका तिवारी, तहरीम जाफरी, सचिन कुमार शर्मा।
रजत पदकः पूजा, आफरीन मसर्रत, मेघा वार्ष्णेय, अक्षेका सक्सेना, चेतन बनवारी लाल शर्मा, सानिया खान, प्रियंका पाठक, लवली, धीरज कुमार शर्मा।
गोल्ड मेडलिस्ट के बोल
"विद्यार्थी जीवन में गोल्ड मेडल मिलना बहुत सम्मान की बात है। मेरे जीवन का यह यादगार लम्हा है, जिसे में कभी नहीं भूलुंगी। विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के मार्गदर्शन से यह संभव हुआ है। मोनिका तिवारी"
"मेहनत की जाए तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। गोल्ड मेडल पाकर बहुत खुश हूं। जो विद्यार्थी अपने सपनों को नई उड़ान देना चाहते हैं उनके लिए मंविवि सबसे अच्छा विकल्प है। फुरकान कुरैशी"
"अनुशासन और मेहनत के बिना सफलता की उम्मीद बेमानी है। विश्वविद्यालय से मिला पुरस्कार केवल व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम नहीं है, बल्कि परिवार, शिक्षकों के समर्थन का भी प्रतीक है। प्रज्ञा शर्मा"
"मेरे लिए यह पदक मात्र एक सम्मान नहीं, बल्कि आगे की राह में प्रेरणा का स्रोत है। हमें अपने ज्ञान का उपयोग समाज को बेहतर बनाने में करना चाहिए। विवि में बिताया समय याद रहेगा। कीर्ति गौड़"