चंपावत में क्रेन ऑपरेटरों की दादागिरी! हाइड्रा को खाई से निकालने के लिए सड़क के बीचों-बीच खड़े कर दिए क्रेन, ऐंबुलेंस में फंसे रहे मरीज

 Bullying by crane operators in Champawat! To remove Hydra from the ditch, cranes were parked in the middle of the road, patients remained trapped in the ambulance.

चंपावत। चंपावत-टनकपुर हाईवे पर आज शुक्रवार को क्रेन ऑपरेटरों की दादागिरी देखने को मिली। इस दौरान क्रेन ऑपरेटरों की दादागिरी के चलते न केवल यात्रियों को फजीहत उठानी पड़ी, बल्कि वहां से गुजर रही ऐंबुलेंस को भी जाम में फंसना पड़ा। दरअसल चंपावत-टनकपुर एनएच में चलथी के पास पिछले महीने एक हाइड्रा क्रेन खाई में गिर गया था, जिसमें चालक की मौत हो गई थी। आज शुक्रवार को हाइड्रा क्रेन को खाई से निकालने के लिए 3 क्रेने एनएच पर पहुंची और क्रेन ऑपरेटरों द्वारा बिना किसी की परमिशन के एनएच बंद कर क्रेन को निकालने का कार्य शुरू कर दिया। इस दौरान एनएच में एंबुलेंस सहित सैकड़ों यात्री व वाहन फंस गए। यात्रियों द्वारा क्रेन मालिकों से वाहनों को निकलने देने को कहा गया, पर उन्होंने किसी की भी एक न सुनी। जिस कारण यात्रियों में आक्रोश फैल गया। यात्रियों में कई लोगों को ट्रेन पकड़नी थी, कई लोग दशहरे में अपने घरों को आ रहे थे, एंबुलेंसो को मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना था पर सभी लोग एक घंटे तक क्रेन ऑपरेटर की दादागिरी से एनएच में फंसे रहे। इस दौरान वहां पर लड़ाई झगड़े तक की नौबत आ गई थी। बाद में लोगों के आक्रोश को देखते हुए क्रेन मालिकों ने क्रेन को किनारे किया, तब जाकर वाहन निकलने शुरू हुए। यात्रियों व वाहन चालकों ने कहा कि क्रेन को खाई से निकालने का कार्य एनएच में यातायात बंद होने के बाद करना चाहिए। दिन में यात्रियों को जाम में फंसा कर परेशान किया जा रहा है।