उत्तराखंड में कुट्टू आटे से कहर 326 से लोग बीमार! एक्शन में सरकार

नवरात्रि के दौरान कुट्टू के आटे से बना पकवान खाना पोष्टिक और गुणकारी माना जाती है। यह फलाहारी होने के साथ ही पोषण से भरपूर होता है। लेकिन उत्तराखंड में नवरात्रि के पहले दिन कुट्टू के आटे से बना पकवान खाने से फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अकेले देहरादून में करीब 308 लोग अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। ये मरीज देहरादून 14 अस्पतालों में भर्ती हैं। इसके अलावा हरिद्वार से भी कुट्टू के आटे का पकवान खाने से कुछ लोग बीमार हुए हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 110,कोरोनेशन अस्पताल में 110 और इंद्रेश अस्पताल में करीब 29 लोग फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर ओपीडी के जरिए भर्ती हुए। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी की तबीयत मिलावटी कुट्टू का आटा खाने से खराब हुई है। इस मामले में थाना बसंत विहार में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों देहरादून के दुकानदार हैं। जिनके पास से लोगों ने कुट्टू का आटा खरीदा था। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून जिले के 14 अस्पतालों में 308 मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। जिसमें से 46 मरीज ठीक हो चुके हैं। जिनको डिस्चार्ज किया जा चुका है। जबकि अभी भी 216 मरीज का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सप्लायर के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया। बल्कि उसका गोदाम भी सील कर दिया गया है। इसके साथ ही देहरादून जिले के करीब 24 दुकानों में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई करते हुए 7 दुकानों से कुट्टू के आटे के सैंपल लिए गए हैं और लगभग एक क्विंटल कुट्टू के आटे को नष्ट किया गया है। प्रदेश में पिछले 3 महीने से चल रहे अभियान के तहत मावा, पनीर, कुट्टू के आटे के 375 सैंपल लिए जा चुके हैं। उन पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अपर जिलाधिकारी कोर्ट पर कार्रवाई चल रही है।
वहीं इसके अलावा हरिद्वार जिले से भी कुट्टू के आटे से बना पकवान खाने से 18 लोग बीमार हो गए। ये भी लोग लक्सर क्षेत्र के हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देहरादून और हरिद्वार में फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आने के बाद सीएम धामी और धन सिंह रावत ने अस्पताल पहुंचकर भर्ती लोगों का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि,स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर घटना की पूरी जांच करेंगे। लापरवाही करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून के इन अस्पतालों में भर्ती मरीज
दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में 110 मरीज पहुंचे थे। जिसमें से 61 मरीज अभी भी भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है।
देहरादून जिला अस्पताल के ओपीडी में 110 मरीज पहुंचे थे। जिसमें से 78 मरीज अभी भी भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। जबकि 32 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
ग्राफिक एरा अस्पताल में चार मरीज भर्ती हैं।
वेलवेट अस्पताल में 9 मरीज भर्ती है।
सीएमई हॉस्पिटल के ओपीडी में 7 मरीज पहुंचे थे। जिसमें से 6 मरीज अभी भी भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है।
महंत इंद्रेश हॉस्पिटल के ओपीडी में 29 मरीज पहुंचे थे। जिसमें से 23 मरीज अभी भी भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। जबकि 6 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
कैलाश हॉस्पिटल के ओपीडी में 3 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज चल रहा है।
सिनर्जी हॉस्पिटल के ओपीडी में 8 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज चल रहा है।
प्राइम्स हॉस्पिटल के ओपीडी में 2 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज चल रहा है।
पानेशिया हॉस्पिटल के ओपीडी में 8 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज होने के बाद मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका।
रायपुर सीएचसी में 3 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज चल रहा है।
उप जिला चिकित्सालय मसूरी में 5 मरीज पहुंचे थे। जिसमें से एक मरीज का इलाज चल रहा है।
आरोग्य धाम अस्पताल में 1 मरीज पहुंचा था। जिसका इलाज चल रहा है।
गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल के ओपीडी में 9 मरीज पहुंचे थे। जिनका इलाज चल रहा है।