बड़ी खबरः तो क्या कुर्क होगा दिल्ली का हिमाचल भवन! 64 करोड़ का बकाया नहीं चुकाने के मामले में हाईकोर्ट का आदेश, गरमाई सियासत

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित हिमाचल भवन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों के मुताबिक हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश जारी किए गए हैं। 64 करोड़ रुपए का बकाया न चुका पाने की वजह से हिमाचल हाई कोर्ट ने दिल्ली के मंडी हाउस के नजदीक बने हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश दिये हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश से हिमाचल में सियासत गरमा गयी है और भाजपा सुक्खू सरकार को घेरने में जुटी हुई है। दरअसल साल 2009 में सेली हाइड्रो कंपनी को हिमाचल सरकार ने 320 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट आवंटित किया था। प्रोजेक्ट लाहौल स्पीति में लगाया जाना था।
सरकार ने उस समय प्रोजेक्ट लगाने के लिये बीआरओ को सड़क निर्माण का काम दिया था। समझौते के मुताबिक सरकार कि जिम्मेदारी थी कि वह कंपनी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए, ताकि कंपनी समय पर प्रोजेक्ट का काम शुरू कर सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस मामले में कंपनी ने साल 2017 में हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की। कंपनी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि प्रोजेक्ट लगाने के लिए सुविधाएं न मिलने के कारण कंपनी को प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा और इसे वापस सरकार को दे दिया गया। लेकिन सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम जब्त कर लिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार को सेली कंपनी को 64 करोड़ अपफ्रंट प्रीमियम देने के आदेश दिए।
कोर्ट ने कंपनी को अपफ्रंट प्रीमियम 7 फीसदी ब्याज सहित याचिका दायर होने की तारीख से देने के आदेश भी सरकार को दिए हैं। अदालत ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को 15 दिन में जांच कर पता लगाने को कहा है कि किन दोषी अधिकारियों की चूक के कारण राशि जमा नहीं की गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि ब्याज की राशि 7 प्रतिशत ब्याज सहित अगली सुनवाई यानी 6 दिसबंर को देनी होगी। इसे दोषी अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से वसूल करने को कहा गया है। यह फैसला हिमाचल हाईकोर्ट के जज अजय मोहन गोयल की अदालत ने सुनाया है। हालांकि, सरकार ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एलपीए दायर कर दी है।