बागेश्वरः खडिया खनन से गांवों में आई दरारों का मामला! हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, दो न्यायमित्र नियुक्त

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई ग्रामों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने मामले को अति गम्भीर पाते हुए गांव वालों की समस्या को जानने के लिए दो न्यायमित्र नियुक्त करते हुए उनसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। साथ में खण्डपीठ ने डीएफओ बागेश्वर, स्टेट लेबिल की पर्यावरण सुरक्षा अथॉरिटी, जिला खनन अधिकारी को पक्षकार बनाते हुए अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। सुनवाई पर न्यायमित्र दुष्यंत मैनाली ने कोर्ट को अपना सुझाव देकर कहा कि वहां पर जितने भी खनन कार्य कर रहे उनसे स्टेट लेबल की पर्यावरण अथॉरिटी के नियमों का पालन किया जा रहा है या नही उसकी रिपोर्ट भी तलब की जाए। पूर्व में खण्डपीठ ने ग्रामीणों का पक्ष सुनने के लिए अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया था। ग्रामीणों ने अपने प्रार्थनपत्र में आज तक से हुई वार्ता में कहा था कि उनकी बात न तो डीएम सुन रहे और न ही शासन-प्रशासन। कब से ग्रामीण वासी उन्हें विस्तगपित करने की मांग कर रहे हैं। जिनके पास साधन थे वे हल्द्वानी बस गए, लेकिन गरीब गांव में ही रह गए। ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि कई खडिया खनन कारोबारी मेरी धरती को चीर कर हल्द्वानी में बेच दिया। अब हमारा कोई नही इसलिए आंखरी उम्मीद पर उच्च न्यायालय की शरण में आए हैं आप समस्त ग्रामीणों को न्याय दें।