अपर सचिव और दारोगा के बीच बहस! वीडियो हुआ वायरल,एसएसपी ने पुलिस कर्मी को किया लाइन हाजिर

Argument between Additional Secretary and Sub-Inspector! Video went viral, SSP suspended the policeman

उत्तराखंड में अधिकारियों की कार्यप्रणाली वैसे तो कई बार सवालों के घेरे में आती रही है। लेकिन इस बार मामला सामने आए एक वीडियो को लेकर है जिसमें शासन के अपर सचिव और एक दारोगा के बीच तीखी नोकझोंक हो रही है। खास बात यह है कि वीडियो सामने आने के कुछ ही घंटे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने वीडियो में दिखने वाले दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। 

उत्तराखंड में एक वीडियो सामने आते ही ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया। दरअसल इस वीडियो में शासन के एक अपर सचिव और दारोगा के बीच जमीन के विवाद को लेकर आपसी बहस होती हुई दिखाई दे रही है। मामला सरकारी जमीन के विवाद से जुड़ा है. जिसमें रास्ता निकालने को लेकर विवाद चल रहा है।  वायरल वीडियो में अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान दिखाई दे रहे हैं जो की शासन में लंबे समय से वित्त की जिम्मेदारी देख रहे हैं। उधर इनके साथ बहस करने वाले दारोगा का नाम हर्ष अरोड़ा है। जो की झाझरा पुलिस चौकी के प्रभारी हैं। वीडियो में अपर सचिव और पुलिस दारोगा की आपस में नोकझोंक होती हुई दिखाई दे रही है। अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान एक तरफ दारोगा पर सरकारी जमीन के रास्ते को खुलवाने वाले लोगों के पक्ष में दबाव बनाने का आरोप लगा रहे हैं, तो दारोगा भी अपर सचिव पर बदसलूकी करने का आरोप लगा रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने वीडियो में दिख रहे दारोगा हर्ष अरोड़ा को लाइन हाजिर कर दिया है। हालांकि इस मामले में ना तो अपर सचिव की तरफ से कोई बयान सामने आया है और ना ही पुलिस ने कोई बयान जारी किया है। 

इस मामले में विवाद होने के बाद सरकारी जमीन से रास्ता खुलवाने का प्रयास करने वाले शख्स पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। खास बात ये है कि काफी लंबे समय से इस सरकारी जमीन से रास्ता खुलवाने के प्रयास किया जा रहे थे। इसके लिए जिलाधिकारी के स्तर पर भी कुछ लोगों द्वारा आवेदन देकर रास्ता दिए जाने की गुहार लगाई थी। वीडियो से जुड़ा यह पूरा मामला उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के करीब राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र क्षेत्र का है। यहां से गुजरने वाली सड़क को सरकारी जमीन से आगे की कॉलोनी तक ले जाने से जुड़ा यह पूरा विवाद है। दावा यह भी है कि यहां पर मौजूद सरकारी जमीन वित्त विभाग की है। जहां पर रास्ता खुलवाकर पास में ही मौजूद निजी जमीनों तक सड़क को ले जाने का प्रयास हो रहा है।