300 से अधिक ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जिनके घर मे आज तक बिजली के मीटर ही नही लगे।

प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा बिजली विभाग में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों को सस्ती बिजली देने और बिजली के रेट बढ़ाने का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है, मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार, पावर कॉरपोरेशन, जल विद्युत निगम, पावर रेगुलेटरी कमीशन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
आपको बता दें कि देहरादून की आर टी आई क्लब ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से एक महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपए और कर्मचारियों से 100 रुपए ले रही है जबकि इनका बिल लाखों में आता है, जिसका बोझ सीधे जनता पर पड़ रहा है।
वहीं याचिकाकर्ता ने आज कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट कोर्ट में पेश करी जिनके घर मे आज तक बिजली के मीटर नहीं लगे हैं और जहां लगे हैं वह खराब स्थिति में पड़े हैं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, पावर कॉरपोरेशन निगम, जल विद्युत निगम, पावर रेगुलेटरी कमिशन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।