"छपाक" से अब लड़की की ज़िन्दगी नहीं होगी बर्बाद, देहरादून पुलिस प्रशासन उठा रही है अब ठोस कदम।

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और एसिड अटैक जैसी घटनाये अब आम होती जा रही हैं।लड़की की "ना" कहते ही "छपाक" से उसकी पूरी ज़िंदगी तेज़ाबी हमले में बर्बाद हो जाती है।अभी हाल ही में मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म "छपाक" से प्रभावित होकर उत्तराखंड सरकार ने जल्द ही एसिड अटैक सर्वाइवर को पेंशन की सुविधा उपलब्ध करवाने की कवायद तेज कर दी है ,तो अब वही " छपाक" की रिलीज़ के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रशासन और सरकार अब एसिड यानी तेज़ाब की बिक्री पर रोक लगाने जा रही है।अब तक आसानी से बाज़ार में बिना किसी लाइसेंस या वैधानिक पत्र के एसिड उपलब्ध हो जाया करता था, लेकिन अब देहरादून उपमहानिरीक्षक और देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने एसिड अटैक को रोकने के लिए एक्शन लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने सभी पुलिस स्टेशनों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वो अपने हर एक कांस्टेबल और चीता को अच्छी तरह से ब्रीफ़ कर ऐसे सभी संभावित क्षेत्रों और स्थानों पर छापेमारी की कार्यवाही करें जहाँ खुले में एसिड बेचा जा रहा हो।एसएसपी ने ये भी निर्देश दिए हैं कि खुद सादे कपड़ों में ऐसे स्थानों में जाकर विक्रेताओं को चिन्हित भी करे जो हाइकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हो।साथ ही देहरादून एसएसपी ने ये भी कहा है कि अगर इस अभियान के तहत थाना क्षेत्र में खुले में एसिड विक्रय होता पाया जाता है तो संबंधित थाना प्रभारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

आपको बता दे कि एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एडवाइजरी जारी की थी और एसिड विक्रय करने वाले सभी दुकानदारों को एसिड विक्रय के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया था,और ये आदेश भी दिए थे कि जो भी एसिड की खरीदारी करता है उसका सम्पूर्ण ब्यौरा भी दुकानदार के रजिस्टर में फ़ोटो सहित होना चाहिए।